नयी दिल्ली। लोकसभा चुनाव के पहले चरण की वोटिंग चल रही है। पहले चरण में 21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 102 सीटों पर वोट पड़ेंगे। पहले चरण में 1600 से ज्यादा उम्मीदवार मैदान हैं। इस चरण में नौ केंद्रीय मंत्री, दो पूर्व मुख्यमंत्री और एक पूर्व राज्यपाल की किस्मत भी दांव पर है। पहले चरण में 16.63 करोड़ से ज्यादा वोटर्स हैं. इनमें 8.4 करोड़ पुरुष और 8.23 करोड़ महिला वोटर्स हैं. इनमें से 35.67 लाख वोटर्स ऐसे हैं, जो पहली बार वोट डालेंगे. जबकि, 20 से 29 साल की उम्र के मतदाताओं की संख्या 3.51 करोड़ है. इनके लिए 1.87 लाख पोलिंग बूथ बनाए गए हैं।

यहां की इन सीटों पर होना है चुनाव
पहले चरण में पश्चिमी उत्तर प्रदेश की 8 सीटों पर मतदान होना है. इसके अलावा राजस्थान की 12, उत्तराखंड की सभी 5, बिहार की 4, पश्चिम बंगाल की 4, तमिलनाडु की सभी 39 सीटों पर चुनाव होना हैं. इसके अलावा अरुणाचल प्रदेश की 2, असम की 4, मध्य प्रदेश की 6, मणिपुर की 2 तथा मेघालय, नगालैंड, त्रिपुरा समेत 21 राज्यों की 102 सीटों पर मतदान होना हैं. इनमें कुछ सीटें वीआईपी हैं, जिन पर सत्ताधारी दल और विपक्ष के बड़े नेता चुनावी मैदान में हैं.

इन दिग्गजों की किस्मत है दांव पर

  1. के अन्नामलाई (कोयंबटूर): कोयंबटूर लोकसभा सीट पर एक हाई-वोल्टेज मुकाबला है, जिसमें तमिलनाडु भाजपा अध्यक्ष के अन्नामलाई के बीच लड़ाई होने वाली है, जिनका मुकाबला डीएमके नेता गणपति पी राजकुमार और एआईएडीएमके के सिंगाई रामचंद्रन से हो रहा है. अन्नामलाई को द्रमुक और अन्नाद्रमुक जैसी पार्टियों से कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है.
  2. नितिन गडकरी (नागपुर): केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी महाराष्ट्र की नागपुर सीट से लगातार तीसरी जीत की कोशिश कर रहे हैं. इस सीट पर गडकरी और नागपुर पश्चिनम से कांग्रेस के विधायक और उम्मीदवार विकास ठाकरे के साथ मुकाबला है. नितिन गडकरी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल में एक प्रमुख चेहरा रहे हैं और वह दोनों कार्यकाल में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री रहे हैं. 2019 के चुनावों में, गडकरी ने 55.7 प्रतिशत के भारी वोट शेयर के साथ जीत दर्ज की थी. उन्होंने मौजूदा महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले को हराया था.
  3. जितिन प्रसाद (पीलीभीत): जितिन प्रसाद बीजेपी का एक और बड़ा चेहरा हैं जो पहले चरण के मतदान में मैदान में हैं. उन्होंने 2021 में कांग्रेस छोड़ दी. जितिन प्रसाद ने उत्तर प्रदेश के पीलीभीत से दो बार के सांसद वरुण गांधी का स्थान लिया है. समाजवादी पार्टी ने भगवंत सरन गंगवार को उनके खिलाफ मैदान में उतारा है. वहीं, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने जितिन प्रसाद के खिलाफ अनीस अहम्स खान को मैदान में उतारा है. साल 2019 के चुनाव में वरुण गांधी पीलीभीत से विजयी हुए थे. उन्होंने 59.4 प्रतिशत वोट के साथ 704,549 वोटों के साथ जीत हासिल की थी.
  4. जीतन राम मांझी (गया): बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी बिहार की गया सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. जीतन राम मांझी के खिलाफ आरजेडी ने पूर्व मंत्री कुमार सर्वजीत को उम्मीदवार बनाया है. जीतन राम मांझी वर्तमान में एनडीए सरकार के हिस्सा हैं और पीएम मोदी ने उनके समर्थन में प्रचार किया था.
  5. नकुल नाथ (छिंदवाड़ा): पहले चरण के मतदान में मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम कमल नाथ के बेटे नकुल नाथ भी छिंदवाड़ा सीट से भाजपा उम्मीदवार विवेक बंटी साहू के खिलाफ मुकाबला है, जो पिछले दो विधानसभा चुनावों में कमल नाथ से हार गए थे. 2019 के चुनाव में कांग्रेस नेता नकुलनाथ को कुल 47.1 फीसदी वोट मिले थे, जबकि हारे हुए बीजेपी उम्मीदवार ने 44.1 फीसदी वोट हासिल किया था.
  6. गौरव गोगोई (जोरहाट): पहले चरण में कांग्रेस नेता गौरव गोगोई की किस्मत का भी फैसला होगा. असम की जोरहाट सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. गोगोई लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता हैं. गौरतलब है कि जोरहार्ट सीट को भारतीय जनता पार्टी के गढ़ के रूप में देखा जाता रहा है।
  7. इमरान मसूद (सहारनपुर): लोकसभा चुनाव के लिए उत्तर प्रदेश में कांग्रेस और सपा ने गठबंधन किया है. गठबंधन ने यूपी के सहारनपुर से इमरान मसूद को मैदान में उतारा है. यह पश्चिमी यूपी की सबसे अहम सीटों में से एक है. सहारनपुर में इमरान मसूद, भाजपा के राघव लखनपाल शर्मा और बहुजन समाजवादी पार्टी (बसपा) के माजिद अली के बीच त्रिकोणीय मुकाबला होने की संभावना है. मसूद नौ बार सांसद (पांच बार लोकसभा सदस्य और चार बार राज्यसभा सदस्य) रशीद मसूद के भतीजे हैं.
  8. कार्ति चिदम्बरम (शिवगंगा): कांग्रेस नेता और शिवगंगा से सांसद कार्ति चिदम्बरम इस सीट से फिर से चुनाव लड़ रहे हैं, जहां उनके पिता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदम्बरम सात बार जीते थे, उनका मुकाबला भाजपा के टी देवनाथन यादव और एआईएडीएमके के जेवियर दास से है.
  9. तमिलिसाई साउंडराजन (चेन्नई दक्षिण): सक्रिय राजनीति में वापसी के लिए तमिलिसाई साउंडराजन ने हाल ही में तेलंगाना के राज्यपाल और पुडुचेरी के उपराज्यपाल पद से इस्तीफा दे दिया. चेन्नई दक्षिण लोकसभा सीट से भाजपा ने उम्मीदवार बनाया है. तमिलिसाई कुमारी अनंतन की बेटी हैं, जो कांग्रेस की दिग्गज नेता थीं.
  10. दयानिधि मारन (चेन्नई सेंट्रल): तमिलनाडु की चेन्नई सेंट्रल लोकसभा सीट पर सत्तारूढ़ द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) और बीजेपी के बीच कड़ी टक्कर होने की संभावना है. द्रमुक ने मौजूदा सांसद दयानिधि मारन को मैदान में उतारा है, जो सीट बरकरार रखने के लिए लड़ रहे हैं.
  11. अर्जुनराम मेघवाल (बीकानेर): अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित राजस्थान की बीकानेर लोकसभा सीट से बीजेपी के दिग्गज नेता और केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल चुनावी मैदान में हैं. उनके खिलाफ कांग्रेस ने पूर्व मंत्री गोविंद राम मेघवाल को उतारा है. अर्जुनराम मेघवाल बीकानेर सीट से तीन बार सांसद रह चुके हैं और अब चौथी बार चुनावी मैदान में हैं.
  12. भूपेंद्र यादव (अलवर सीट): राजस्थान की अलवर लोकसभा सीट से बीजेपी ने दिग्गज नेता और केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव भूपेंद्र यादव को उम्मीदवार बनाया है. उनके खिलाफ कांग्रेस से विधायक ललित यादव उम्मीदवार हैं. साल 2019 में अलवर से बाबा बालक नाथ ने जीत हासिल की थी, लेकिन इस बार बीजेपी ने भूपेंद्र यादव को टिकट दिया है.
  13. संजीव बालियान (मुजफ्फरनगर): उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट से इस बार केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान तीसरी बार बीजेपी के उम्मीदवार हैं. उनके खिलाफ सपा से जाट नेता हरेंद्र मलिक और बसपा से दारा सिंह प्रजापति उम्मीदवार हैं. 2014 और 2019 के चुनाव में बालियान ने इस सीट से जीत हासिल की थी. मुजफ्फरनगर में ठाकुर मतदाता नाराज माने जा रहे हैं, तो जाट वोटों में बिखराव भी उनके लिए चुनौती बना हुआ है, तो मुस्लिम वोटर सपा के साथ एकजुट हैं. ऐसे में बालियान की राह आसान नहीं है.
  14. ए राजा (नीलगिरी-तमिलनाडु): पूर्व दूरसंचार मंत्री और डीएमके पार्टी के वर्तमान सांसद ए राजा नीलगिरी निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं. भाजपा ने केंद्रीय मत्स्य पालन राज्य मंत्री एल मुरुगन उनके खिलाफ चुनावी मैदान में उतारा है.
  15. निसिथ प्रमाणिक (कूचबिहार): केंद्रीय गृह राज्य मंत्री और बीजेपी नेता निसिथ प्रमाणिक को बीजेपी ने फिर से कूचबिहार से उम्मीदवार बनाया. निसिथ प्रमाणिक राजवंशी समुदाय के नेता हैं और उत्तर बंगाल में उनका विशेष प्रभाव माना जाता है. लेफ्ट ने उनके खिलाफ नितिश चंद्र रॉय को और टीएमसी ने उनके खिलाफ जगदीश चंद्र बर्मा बसुनिया को उम्मीदवार बनाया है. टीएमसी छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए निसिथ प्रमाणिक ने साल 2019 के चुनाव में टीएमसी के परेश चंद्र अधिकारी को पराजित कर पहली बार सांसद बने थे और उन्हें गृह राज्य मंत्री बनाया गया था.

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