DSE appeared physically in the High Court

रांची। शिक्षक की मृत्यु उपरांत मिलने वाली सुविधा भुगतान नहीं किए जाने के एक मामले में DSE सशरीर उपस्थित हुए।मामला हाईकोर्ट के अवमानना वाद का था।कोर्ट में उपस्थित होकर डीएसई ने बिना शर्त माफी मांगी, साथ ही कहा की आदेश के अनुरूप अनुपालन कर लिया गया है।

क्या है मामला

सरायकेला खरसावां के मृतक शिक्षक पत्नी श्यामली मंडल को पति की मृत्यु के बाद ग्रेच्युटी, एरियर आफ पेंशन, फैमिली पेंशन आदि सुविधा भुगतान नहीं किए जाने से संबंधित अवमानना याचिका की सुनवाई झारखंड हाईकोर्ट में हुई. मामले में जिला शिक्षा अधीक्षक सरायकेला- खरसावां कोर्ट में सशरीर उपस्थित होकर कोर्ट से बिना शर्त माफी मांगते हुए बताया गया कि आदेश का अनुपालन कर लिया गया है.

इसके बाद हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति राजेश शंकर की कोर्ट ने अवमानना याचिका को समाप्त कर दिया. प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता अमरेंद्र प्रधान ने पैरवी की.दरअसल, स्वप्न मंडल साइंस शिक्षक के रूप में 23 दिसंबर 1976 को ज्वाइन किए थे. वे अपग्रेडेड हाई स्कूल, कपाली में अप्रैल 2011 में इंचार्ज हेड मास्टर के पद पर कार्य कर रहे थे. उसी दौरान उनकी मृत्यु के बाद उनकी पत्नी श्यामली मंडल को रिटायरल बेनिफिट नहीं मिल पाया था, जिसे लेकर उन्होंने हाईकोर्ट की एकल पीठ में याचिका दाखिल की थी.

एकल पीठ ने 17 जून 2020 को आदेश जारी कर प्रार्थी को रिटायरल बेनिफिट देने का आदेश सरकार को दिया था. लेकिन आदेश का अनुपालन नहीं होने पर प्रार्थी श्यामली मंडल की ओर से हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दाखिल की गई. इस अवमानना याचिका में जिला शिक्षा अधीक्षक, जमशेदपुर की ओर से कोर्ट के आदेश का अनुपालन रिपोर्ट भी नहीं प्रस्तुत किया गया, साथ ही कोर्ट में शो कॉज दायर नहीं किया गया. जिस पर कोर्ट ने उन्हें 19 दिसंबर को आदेश जारी कर उपस्थित होने का निर्देश दिया था.

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