धनबाद । स्वास्थ्य विभाग के आदेश के बाद सिविल सर्जन धनबाद ने जिले के 11 चिकित्सक को अपने मूल पदस्थापन स्थल पर लौटने का आदेश जारी किया था। 28 अक्टूबर को पत्र जारी होने के वावजूद चिकित्सक इस आदेश पर कुंडली मार कर बैठ गए। जबकि विभाग ने इस संबंध में जून माह में ही सभी सिविल सर्जन को कड़े पत्र जारी कर मनमाने तरीके से कर्मियों और पदाधिकारी की तत्काल प्रतिनियुक्ति रद्द करने का आदेश जारी किया था। जबकि अक्टूबर महीने में फिर स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रतिनियुक्ति रद्द करने का आदेश दिया गया।

HPBL न्यूज ने इस खबर को काफी जोर शोर से उठाया था।जिसके बाद सिविल सर्जन डा चंद्र भानु प्रतापन ने 28 अक्टूबर को पत्र जारी किया परंतु उसे दबा दिया गया ताकि उसपर अमल न हो सके। मिडिया में छपी खबर के बाद विभाग में खलबली मच गई।सूत्र बताते है की प्रतिनियुक्ति पर बने रहने के लिए चिकित्सक जुगाड़ तंत्र के उपयोग में लगे हैं।

सदर अस्पताल के नोडल डा राजकुमार बने रहेंगे

सीएचसी गोविंदपुर में पदस्थापित चिकित्सक डा राजकुमार कोरोना काल से सदर अस्पताल धनबाद में प्रतिनियुक्त होकर नोडल पदाधिकारी के रूप में कार्य कर रहे हैं। मालूम हो की सदर अस्पताल धनबाद में उपाधीक्षक के पद को विभाग द्वारा सेंशन नहीं किया गया है, अब प्राप्त जानकारी के अनुसार उनके कार्यकाल की देखते हुए सिविल सर्जन ने आदेश में संशोधन कर नोडल पदाधिकारी के रूप में डा राजकुमार को कार्य करते रहने का आदेश दिया गया है।

नहीं लौटे प्रतिनियुक्त चिकित्सक

इसे मनमानी कहे या आदेश की अवहेलना क्योंकि 5 माह से सरकार द्वारा जारी आदेश के वावजूद अब तक चिकित्सक और कर्मी प्रतिनियुक्ति से नहीं लौटे। ऐसे में ये सवाल अवश्य उठने लगे हैं की धनबाद की गिरती स्वास्थ्य व्यवस्था के पीछे यही मनमानापन तो नहीं?

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