धनबाद: मजदूरी करने चेन्नई गये धनबाद जिले के बलियापुर थाना क्षेत्र के कुशबेरिया गांव के 30 वर्षीय निमाई मल्लिक का सिर कटा शव उसके गांव पहुंचा. शव पहुंचते ही गांव में मातम पसर गया. निमाई मल्लिक गांव के आधा दर्जन युवकों के साथ मजदूरी करने एक माह पूर्व चेन्नई गया था. वहां हिंदी भाषियों पर हो रहे अत्याचार से भयभीत होकर सभी मजदूर ट्रेन पकड़कर धनबाद आ रहे थे।

ट्रेन से उतरने के बाद उसमें चढ़ नहीं सका निमाई

तमिलनाडु राज्य की सीमा पर स्थित राजगांगपुर रेलवे स्टेशन से कुछ ही दूरी पर ट्रैक्सन कॉलोनी के पास ट्रेन रुकी, तो निमाई मल्लिक नीचे उतर गया. फिर वह ट्रेन पर सवार नहीं हो पाया. उसके साथी दो मार्च को धनबाद के कुशबेड़िया गांव पहुंचे. निमाई के रास्ते में गायब होने की सूचना उसके घरवालों को दी. चार मार्च तक उसके घर नहीं लौटने पर परिजन उसे खोजने एलेप्पी एक्सप्रेस से चेन्नई रवाना हुए।

इसी दौरान राजगांगपुर रेलवे स्टेशन के पास उसका सिर कटा शव मिला. परिजनों ने शव की पहचान की. सिर व धड़ अलग-अलग था. निमाई की मौत से परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. सामाजिक कार्यकर्ता षष्टि हालदार, भीमसेन महतो, हवलु मल्लिक, पवन मल्लिक, मनोज बाउरी, राजू दा, सूरज हांसदा आदि चेन्नई गये थे।

मौत के कारणों का नहीं हो पाया खुलासा

राजगांगपुर पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराने के बाद परिजनों को सौंप दिया। पुलिस वहां मामला दर्ज कर घटना की छानबीन कर रही है। मामला हत्या या आत्महत्या का है खुलासा नहीं हो पाया है।

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