रांची। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 827 शिक्षकों को आज नियुक्ति पत्र वितरित किया। इस दौरान उन्होंने इशारों-इशारों में विपक्षियों पर भी कटाक्ष किया। उन्होंने अभ्यर्थियों को नैतिकता और ईमानदारी की सीख देते हुए कहा कि आपसे यही उम्मीद करेंगे, कि आपलोग अपने कार्यकाल में मेरी नाक मत कटवाईयेगा। हेमंत सोरेने ने कहा कि 20 सालों में पूर्व की सरकारों ने यहाँ की व्यवस्था ऐसी बना रखी थी जो शेर के जबड़े से उसका खाना छीनने के बराबर है। उस व्यवस्था को ठीक किया जा रहा है। हम बहुत स्वाभिमानी आदमी हैं। मैं कहीं खड़ा होता हूं तो कभी सर झुका कर खड़ा नहीं होता। मैं ऐसे परिवार से आता हूँ जहां बिल्कुल सीना तानकर, ईमानदारी से अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया जाता है। और यही वजह है कि कई चुनौतियां हमारे सामने आती हैं। कई लोग हमारे रास्ते पर कांटे बिछाते हैं, लेकिन हम षड्यंत्र और चुनौतियों का मजबूती से सामना कर रहे हैं। हमारे राज्य के बच्चे अच्छे भविष्य के साथ आगे बढ़े यह मैं आप सभी नव नियुक्त शिक्षकों से उम्मीद करूंगा।

झारखण्ड राज्य का जन्म बहुत तकलीफ से हुआ है। कई लोगों की शहादत और खून पसीने से इस राज्य का निर्माण हुआ है। हमारे पूर्वजों की सोच थी कि राज्य अलग होगा तो राज्य के लोगों का सर्वांगीण विकास होगा। लेकिन दुर्भाग्य है कि जिस झारखण्ड रूपी पेड़ के जड़ों में खाद और पानी देने की जरूरत थी, पूर्व की सरकार ने उसमें दीमक डालने का काम किया। नतीजा हुआ लोग हाथ में राशन कार्ड लेकर भूख से मरते रहे, रोजगार के लिए दूसरे राज्य में पलायन को विवश हुए, राज्य पिछड़ा बनने को मजबूर हुआ। झारखण्ड रूपी उस पेड़ से हमने दीमक को हटाकर खाद और पानी देना शुरू किया है। जिसका नतीजा है आज राज्य के लाखों लोगों को हक़-अधिकार मिल रहा है। पूर्व की सरकार में जब जीवन सामान्य था तब लोग भूख से मरते थे। कोरोना जैसी महामारी जैसे इस राज्य में आयी, पूरी दुनिया में आयी, लेकिन झारखण्ड जैसे पिछड़े राज्य में कोरोना में जब सब रोजगार बंद थे तब उस समय भी हमने राज्यवासियों की सेवा कर मदद देना का काम किया।

सरकार गठन के बाद दो साल से अधिक समय तक कोरोना में ही जीवन और जीविका बचाने में सरकार लगी रही। इसके बाद सहायक अभियंताओं, निम्न वर्गीय लिपिक, डेंटल डॉक्टर, पंचायत सचिव, शिक्षकों, अभियंताओं, नर्स, आयुष चिकित्सकों, जेपीएससी अंतर्गत नियुक्तियों समेत हजारों युवाओं को नियुक्तियां प्रदान कि गयी। साथ ही हमने रोजगार मेला के जरिए निजी क्षेत्रों में लगभग 33 हजार से अधिक युवाओं को रोजगार से भी जोड़ा। कभी 20 वर्ष में नियुक्ति नियमावली नहीं बनी थी। यही वजह रही, पूर्व में जेपीएससी की कई नियुक्तियां विवादों में रही। 20 वर्ष में पहली बार जेपीएससी की नियमावली हम लोगों ने बनाई और सफलतापूर्वक परीक्षा लेकर रिकॉर्ड समय में बहाली भी की। इसमें ऐसे युवाओं की बहाली भी हुई जो बीपीएल परिवार से आते थे। वे आज अपने राज्य की सेवा में लगे हैं। आज इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में पेंटिंग भेंट करने वाली बच्चियों के लिए आप सभी से आग्रह है कि ताली बजाकर उनका सम्मान करें। आजकल चित्रकला को लेकर लोगों और बच्चों में उत्सुकता देखने को मिल रही है। खेल में, चित्रकारी में, कई क्रिएटिविटी में, बच्चे शामिल हैं। आप लोग शिक्षक के रूप में जाएंगे। आप किताबों के साथ-साथ बच्चों के अंदर छुपे हुए हुनर को भी तराशने का काम करें।

हर खबर आप तक सबसे सच्ची और सबसे पक्की पहुंचे। ब्रेकिंग खबरें, फिर चाहे वो राजनीति...