रांची । भारत के संविधान को वो पंक्ति याद तो होगी…. जिसमें लोकतंत्र का मूल उद्देश्य जनता द्वारा , जनता के लिए, जनता का शासन बताया जाता रहा है। परंतु जिस लोकतंत्र में जनता की सुनी ही नहीं जा रही हो उसे लोकतंत्र का सेवक कैसे माना जाय, ये अपने आप मे बड़ा सवाल है। इस परिस्थिति में सवाल दो हैं – सत्ता पर काबिज होने के बाद जनता की कुछ सुनना नहीं चाहते, दूसरा सुन कर भी कुछ करना नहीं चाहते।

जिन लोकतांत्रिक आंदोलन के सहारे भारत को अंग्रेजो से मुक्ति मिली हो आज वो आंदोलन की स्वतंत्र भारत में कोई सुनता क्यों नहीं ? कहने को राज्य के मुखिया तरह-तरह के दावे करते रहे हो परंतु सच्चाई ये है की जिस प्रदेश की जनता और कर्मचारी 65- 65 दिनों से सड़क पर बैठे हो उनके लिए ये लोकतांत्रिक सरकार की गवाही देना बेमानी होगी। ये सत्ता का नशा है की जिसमें कोई सुनने वाला नहीं या ब्यूरोक्रेसी इस कदर हावी है जिसमें लोकतंत्र की कोई जगह ही नहीं, ये तो अपने आप में चिंतन का विषय है। हम बात कर रहे हैं 65 दिन से सड़क पर बैठे जनसेवक के आंदोलन की….

जनसेवकों का बेमियादी हड़ताल बुधवार को 65वें दिन भी जारी रहा। ग्रेड पे घटाए जाने संबंधी काले आदेश के विरोध में तथा अपने 11 सूत्री मांगों के समर्थन में झारखण्ड के सभी जनसेवक 09 मई से ही हड़ताल पर हैं। जिला मुख्यालयों में धरना प्रदर्शन के बाद जनसेवकों का राज्यव्यापी धरना प्रदर्शन कृषि सचिवालय ( नेपाल हाउस), रांची में जारी है । बुधवार को गोड्डा से 65 जनसेवक उक्त धरना प्रदर्शन में शामिल हुए जबकि राज्यभर से 800 जनसेवक नेपाल हाउस के सामने डटे हुए हैं।

झारखंड राज्य जनसेवक संघ के गोड्डा जिला सचिव राजीव साह ने कहा कि सूबे के सभी जनसेवक नेपाल हाउस रांची में शुक्रवार तक दिन रात डटे रहेगें। जबतक जायज़ मांगों को मानते हुए ग्रेड पे घटाए जाने संबंधी काले आदेश को सरकार वापस नहीं ले लेती है, आंदोलन जारी रहेगा। जिला अध्यक्ष नंदलाल पंडित ने कहा कि माननीय न्यायालय द्वारा ग्रेड पे घटाए जाने संबंधी आदेश पर अंतिम सुनवाई तक स्टे लगा दिया गया है।

बाबजूद इसके सरकार उक्त आदेश को तत्काल शिथिल करने संबंधी आदेश निकालने के बजाय हमारे धैर्य ओर संयम की परीक्षा ले रही है। संघ के गोड्डा जिला मुख्य सचेतक आलोक कुमार ने कहा कि यह संघर्ष हमारे आस्तित्व और अस्मिता की है। इसलिए हम बिना सकारात्मक परिणाम के हड़ताल से वापस नहीं हो सकते। परिणाम मिलने तक संघर्ष जारी रहेगा।

गोड्डा से उक्त धरना प्रदर्शन में शामिल होने वालों में प्रमंडलीय अध्यक्ष सुशील झा, नंदलाल पंडित, राजीव साह, अलोक कुमार, विकास रंजन, ब्रजेश कुमार, विनोद मेहरा,शशि शेखर, रागिनी सिन्हा, अंशु प्रिया, मनोहर पोद्दार, दिनेश सोरेन, अंबुज मुर्मू, मुकेश मंडल, राजीव चौधरी, सत्यम कुमार, राकेश कुमार, प्रीतम , बादल मारंडी, रविंद्र मुर्मू , सुशील मुर्मू, कमलेश कुमार, राहुल,ब्रजकिशोर, आदि प्रमुख रूप से शामिल थे।

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