रांची। बीआरपी सीआरपी अपने लंबित समस्या के समाधान एवं सेवाशर्त नियमावली हेतु संघर्षरत हैं। 07 जनवरी रविवार को संघ के प्रदेश के कोर कमेटी एवं रांची जिला के कोर कमेटी के सदस्यों की अतिआवश्यक बैठक शिक्षा परिसर रांची में आहूत की गई। इस बैठक में केंद्रीय कमेटी के सदस्यों के साथ रांची जिला कमेटी ,लोहरदगा, गढ़वा,गोड्डा,पश्चिमी सिंहभूम ,पूर्वी सिंहभूम,पलामू, धनबाद,बोकारो एवं अन्य जिला के साथी उपस्थित हुए।

बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि अगर 9 जनवरी को होने वाली कैबिनेट में बीआरपी सीआरपी के संबंध में सेवा शर्त नियमावली की अनुशंसा नहीं की जाती है तो आगामी सप्ताह में वृहद आंदोलन किया जाएगा। महासचिव नितिन कुमार ने कहा कि पिछले 18 सालों से बीआरपी सीआरपी का जो शोषण हो रहा है अब वह बर्दाश्त से बाहर है।

अगर 9 तारीख की कैबिनेट बैठक में अनुशंसा नहीं होती है तो उन्होंने पूरे झारखंड के बीआरपी सीआरपी को आह्वान किया की रांची की और कुच करने के लिए तैयार रहे ताकि सरकार को पता चले कि शोषण का अति होता है तब उग्र स्थिति बन जाती है जिसे संभालना सरकार के लिए भी एक चुनौती होगी।

संगठन सचिव ओपेन देवघरीया ने कहा कि चुनावी आचार संहिता लागू होने के पूर्व किसी भी स्थिति में हम लोगों की मांगों को सरकार को पूरा करना होगा। रांची जिला अध्यक्ष जनक मुंडा ने कहा कि सरकार यदि सेवा शर्त लागू नहीं करती है तो बीआरपी सीआरपी का प्रतिनिधित्व करते हुए विधानसभा से मांडर विधानसभा से सरकार के विरोध में खड़ा होंगे।

केंद्रीय उपाध्यक्ष मोहम्मद जावेद ने कहा कि 18 सालों का कार्यकाल बहुत छोटी नहीं होती है अपना स्वर्णिम काल सभी बीआरपी सीआरपी शिक्षा विभाग को दे चुके हैं अब उनके पास खोने के लिए कुछ भी नहीं बचा है इसलिए अब बीआरपी सीआरपी के पास आत्मदाह के अलावा कुछ नहीं बचा है।

केंद्रीय अध्यक्ष कृष्ण प्रसाद ने चिंता एवं दुख व्यक्त किया की 18 वर्षों के सेवा के बाद भी मानदेय 18000 नहीं हुआ नहीं हमारी कोई सामाजिक सुरक्षा की व्यवस्था विभाग एवं सरकार की है।यह अत्यंत ही निंदनीय है।अभी मुख्य सचिव झारखंड सरकार का भी पत्र विभिन्न विभागों को प्रेषित हुआ है कि जहां 20 से अधिक कर्मी कार्यरत हैं वहां भविष्य निधि कटौती किया जाना अनिवार्य है।

संघ हमेशा से प्रयासरत रहा है कि हम लोगों की भविष्य निधि कटौती की जाए जिससे कि हम सभी का भविष्य कुछ सुरक्षित हो सके और सामाजिक लाभ मिल सके। साथ ही जो कल्याण कोष की बात बिगत 3 वर्षों से की जा रही है उसका अभी तक लागू नहीं किया जाना भी चिंतनीय है।एवं विगत 5 वर्षों से महंगाई के इस दौर में ₹1 मानदेय वृद्धि भी नहीं करना यह सरकार और विभाग की मंशा स्पष्ट करती है। जो कर्मी शिक्षा के गुणवत्ता के लिए विगत 18 वर्षों से सेवा दे रहे हैं उन्हें क्या सुविधा और मानदेय दे रहे हैं।

साथ ही यह गंभीर दुख की बात है कि बिगत तीन वर्षों में हमारे कई बीआरपी सीआरपी साथी हम सबों के बीच से चले गए किंतु विभाग एवं सरकार की तरफ से ₹1 की भी आर्थिक सहायता उपलब्ध नहीं कराई गई। जिसके कारण झारखंड के सभी बीआरपी सीआरपी में रोष व्याप्त है।सभी सीआरपी बीआरपी आहत है जिसका परिणाम है कि आगामी दिनों में सभी आंदोलन के लिए बाध्य हो रहे हैं।

वर्तमान में जो लोकतांत्रिक आंदोलन के तहत काला बिल्ला लगाकर दैनिक कार्यों का निष्पादन कर रहें है वह जारी रहेगा,जब तक की सेवा शर्त नियमावली लागू नहीं हो जाती है। बैठक में इस बात पर भी चिंतन व्यक्त किया गया की हम सभी उस संस्था में काम करते हैं जहां के चपरासी/रात्रि प्रहरी को भी बीआरपी सीआरपी से अत्यधिक मानदेय भुगतान किया जाता है और विभाग मौन है यह अत्यंत चिंतनीय,कष्टकारी एवं निंदनीय है।

आज की बैठक में केंद्रीय अध्यक्ष कृष्ण प्रसाद, केंद्रीय उपाध्यक्ष अरविंद चौबे,जावेद अंसारी, महासचिव नितिन कुमार,संगठन सचिव ओपन देवघरिया एवं संजय रजक के साथ शैलेंद्र कुमार, राजीव चौधरी, विनय कटिहार, प्रेम गिरी,जनक मुंडा, अरविंद मिश्रा, बिकाश गुप्ता,धर्मेंद्र सिंह, रविंद्र कुमार ठाकुर,कुमार सिकंदर, कुमार रोहित,राघवेंद्र सिंह, दिलीप कुमार, कमलकांत मेहता सहित अन्य साथी उपस्थित रहे।

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