हेल्थ न्यूज । महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर (Breast Cancer) का डर आम है. अक्सर ये बातें सामने आती है की ब्रेस्ट में होने वाले गांठों को हल्के में न लें क्योंकि यह बाद में जाकर कैंसर का रूप ले लेता है .यह सच भी है कि पीरियड्स (Periods) से पहले या बाद या एक महिला जब मां बनती है तो मां बनने से पहले और बाद में शरीर में इतने सारे हार्मोनल चेंजेज होते हैं कि शरीर में कई जगह गांठे पड़ जाती है.

ब्रेस्ट में तो अक्सर आपको हार्मोनल चेजेज के कारण गांठ होने का डर बना रहता है. खासकर 30 की उम्र के बाद ब्रेस्ट में कोई भी मामूली सी भी गांठ ब्रेस्ट कैंसर का डर सताती है. लेकिन आज हम यह जानने की कोशिश करेंगे कि क्या बिना ऑपरेशन के भी ब्रेस्ट कैंसर का इलाज संभव है? क्या हर गांठ, कैंसर होता है?

ये है लक्षण

शुरुआत में ब्रेस्ट कैंसर के कोई लक्षण नहीं दिखते हैं. हालांकि सबसे आम संकेत है ब्रेस्ट में गांठ होना. इसके अलावा इन लक्षणों पर भी ध्यान दें.

1 ब्रेस्ट में गांठ महसूस होना. दबाने पर इस गांठ में दर्द नहीं होता है.
2 ब्रेस्ट के साइज में परिवर्तन होना
3 ब्रेस्ट के निप्पल से लिक्विड निकलना
4 अंडरआर्म वाली जगह पर सूजन या गांठ होना
5 ब्रेस्ट निप्पल्स का लाल या ज्यादा काला होना

ब्रेस्ट कैंसर के प्रकार

1 इन्वेसिव- ये तेजी से फैलने वाला कैंसर होता है.

2 नॉन-इन्वेसिव- ब्रेस्ट कैंसर के 80 प्रतिशत मामलों में यही कैंसर होता है और ये काफी धीरे धीरे फैलता है.

3 इन्फ्लेमेटरी ब्रेस्ट कैंसर- ये काफी दुर्लभ होता है. इस कैंसर के मामले सिर्फ 1 प्रतिशत ही आते हैं. लेकिन ये बहुत तेजी से फैलता है.

4 पेजेट्स डिजीज- इस कैंसर में निप्पल का एरिया पूरा काला पड़ जाता है. इसके 5 प्रतिशत से भी कम मामले सामने आते हैं.

ब्रेस्ट कैंसर से बचाव के तरीके

बढ़ती उम्र में महिलाओं को अपना वजन कंट्रोल रखना चाहिए.

ज्यादा शराब या स्मोकिंग करने से परहेज रखना चाहिए.

रोजाना एक्सरसाइज या कोई फिजिकल एक्टीविटी जरूर करें.

थोड़ी देर योग और मेडिटेशन जरूर करें.

बैलेंस डाइट लें. खूब फल और सब्जियां खाएं और शरीर को हाइड्रेट रखें.

हालांकि ब्रेस्ट कैंसर की पहचान करने के लिए ये काफी नहीं हैं. इसके लिए अभी भी अधिक जीनों की पहचान की जानी बाकी है. नेचर जेनेटिक्स जर्नल में प्रकाशित अध्ययन में कम से कम चार नए ब्रेस्ट कैंसर के जोखिम वाले जीनों के साक्ष्य मिले, जिनमें कई संकेत देने वाले साक्ष्य भी शामिल हैं. इन नए जीनों की पहचान स्तन कैंसर के आनुवंशिक जोखिम के बारे में हमारी समझ में योगदान देगी. यह शोध उन महिलाओं को इसेे पहचानने में मदद करेगा, जिन्‍हें इस बीमारी का खतरा अधिक है. यह जीन ब्रेस्ट जांच और जोखिम में कमी को उजागर करेंगे.

ब्रेस्ट कैंसर की सर्जरी तीन स्टेज में होती है

इंग्लिश पॉर्टल ‘ओनली माई हेल्थ’ में छपी खबर के मुताबिक ब्रेस्ट कैंसर की सर्जरी तीन स्टेज में होती है. ब्रेस्ट कैंसर तीनों में से किसी भी स्टेज पर है लेकिन ऑपरेशन जरूरी है. अब वह कैंसर के प्रकार और स्थिति पर निर्भर करता है सर्जरी किस तरह होगी. जरूरी है कि पूरी ब्रेस्ट निकाली जाए लेकिन ब्रेस्ट कंजर्वेशन सर्जरी भी होती है. इसमें से ट्यूमर या कैंसर वाला एरिया निकाला जाता है. स्थिति अगर ठीक रहती है तो पूरा ब्रेस्ट रिमूव करने की जरूरत नहीं पड़ती है. सर्जरी के बाद रेडिएशन की ट्रीटमेंट दी जाती है।

दी गई जानकारी और सलाह के अलावा चिकित्सकीय परामर्श अवश्य लें।

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