कर्मचारी न्यूज । शिक्षा विभाग में नियुक्त शिक्षक क्या कभी सरकार के विरोध में आंदोलन नहीं कर पाएंगे ? विभाग का यह फरमान सुनते ही नवनियुक्त शिक्षको मानो सांप सूंघ गया हो। हर जगह इस बात की चर्चा हो रही है क्या सरकार आने वाले भविष्य में तुगलकी फरमान जारी कर सकती है या इस तरह के नियम विभाग में बेहतर गुणवत्ता सुधारने के लिए बनाए गए हैं। शिक्षा विभाग में नियुक्त शिक्षकों ने यदि संघ या मंच बनाया तो उनकी नौकरी चली जाएगी।

विभाग ने जारी किया निर्देश

इस मामले में शिक्षा विभाग ने सख्त रुख अपना लिया है। शनिवार को उसने इस संबंध में कड़ा निर्देश भी जारी किया। शिक्षा विभाग ने बीपीएससी से चयनित शिक्षकों कड़ी चेतावनी दी है कि वे किसी भी प्रकार का संघ या मंच नहीं बनाएं, न ही इस प्रकार के संघों को बनाते हुए अपने पैड छपवाएं। ऐसा करने पर उनकी औपबंधिक नियुक्ति तत्काल प्रभाव से रद्द कर दी जाएगी।

क्यों हुए शिक्षा विभाग के तेवर गर्म

शिक्षा विभाग ने कहा है कि बीपीएससी से 1.20 लाख चयनित शिक्षकों को 2 नवंबर 2023 को औपबंधिक नियुक्ति पत्र दिया गया था। अभी इन्होंने कक्षा में पढ़ाना भी शुरू नहीं किया है, न ही किसी ने एक कक्षा भी ली है, लेकिन संघ पहले ही बना लिया। शिक्षा विभाग ने इसे गंभीरता से लिया है। विभाग ने सख्त हिदायत दी है कि बीपीएससी से चयनित शिक्षक किसी प्रकार का न संघ न बनाएं और न ही इस प्रकार के किसी संघ का हिस्सा बनें। विभाग ने ऐसे किसी भी संघ को अमान्य करार दिया है।

किन नियम का दिया हवाला

नियमावली का दिया हवाला शिक्षा विभाग ने बिहार विद्यालय अध्यापक नियमावली 2023 की धारा 17 के आचरण संहिता की कंडिका 7 की ओर बीपीएससी से नवनियुक्त शिक्षकों का ध्यान दिलाया है। इस आचरण संहिता के तहत सभी विद्यालय अध्यापकों पर बिहार सरकारी सेवक आचार संहिता 1976 लागू होती है। इसमें स्पष्ट है कि कोई सरकारी सेवक किसी प्रकार के संघ या संगठन आदि नहीं बनाएंगे और किसी प्रकार का आंदोलन या प्रदर्शन नहीं करेंगे।

24 घंटे के भीतर मांगा संघ के अध्यक्ष से स्पष्टीकरण

तथाकथित संघ की अध्यक्ष बबीता कुमारी को नोटिस शिक्षा विभाग के संज्ञान में आया है कि माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक बीपीएससी अध्यापक संघ नाम का तथाकथित संघ बनाया गया है। शिक्षा विभाग ने ऐसे संगठन को गैर कानूनी बताते हुए कहा है कि विभाग द्वारा इसे किसी प्रकार की मान्यता नहीं है। तथाकथित इस संघ की प्रदेश अध्यक्ष बबीता चौरसिया से मधुबनी डीईओ ने स्पष्टीकरण मांगा है कि क्यों नहीं उनका औपबंधिक नियुक्ति पत्र रद्द कर दिया जाए। शनिवार को सुबह केके पाठक के साथ वीसी का हवाला देते हुए डीईओ ने 24 घंटे में उन्हें स्पष्टीकरण का जवाब देने को कहा है।

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