पटना। बिहार में राजनीतिक बवाल फिर शुरू हो गया है। जीतन राम की पार्टी और महागठबंधन में ठन गयी है। हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) पार्टी के चीफ जीतन राम मांझी के बेटे संतोष सुमन ने नीतीश कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया है। वे बिहार सरकार में अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के मंत्री थे। एक दिन पहले ही जीतन मांझी ने 23 जून को होने वाली विपक्षी एकता की बैठक में शामिल होने से मना कर दिया था। हालांकि उन्होंने कहा था कि नीतीश कुमार उनके नेता हैं। संतोष कुमार मांझी ने लोकसभा चुनाव में 5 सीटों की डिमांड की थी। इसके बाद जीतन मांझी ने कहा था कि वह बिहार की सभी 40 सीटों पर तैयारी कर रहे हैं।

सूत्र बताते हैं कि नीतीश कुमार ने जीतन मांझी को कहा था कि वह अपनी पार्टी को जेडीयू में मर्ज कर दें। जीतन मांझी फिलहाल एमएलसी हैं। 2018 में पहली बार एमएलसी बने। फिलहाल अनुसूचित जाति और जनजाति मंत्री थे। संतोष सुमन ने कहा, हम बीजेपी के साथ जाएंगे या नहीं ये अलग बात है। हम तो अपना अस्तित्व बचा रहे हैं। नीतीश कुमार हमारा अस्तित्व खत्म करना चाह रहे हैं. हम नीतीश कुमार के लिए अपनी पार्टी कैसे तोड़ दें। अभी हम महागठबंधन में हैं। कोशिश करेंगे कि उसी में रहें, लेकिन अगर सीट नहीं देंगे, तो हम अपना रास्ता देखेंगे।

बताया जा रहा है कि जीतन राम मांझी इन दिनों बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से नाराज चल रहे हैं. इस नाराजगी की वजह है कि नीतीश ने 23 जून को पटना में विपक्षी दलों की बड़ी बैठक बुलाई है, लेकिन महागठबंधन में अपने सहयोगी जीतन राम मांझी को उसका न्योता नहीं भेजा है. संतोष सुमन के इस्तीफे पर आरजेडी के प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने कहा कि जीतन राम मांझी कई बार कई तरह की बातें करते रहे हैं। जीतन राम मांझी 2015 में भी कई तरह की बातें करते कहीं और गए थे, फिर लौटकर दोबारा हमारे साथ आए। नीतीश कुमार ने ही मांझी को राजनीतिक रूप से स्थापित किया। अब मांझी उसी जमात में जाना चाहते हैं तो यह दुर्भाग्पूर्ण है।

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