रांची: राज्य के 65 हजार शिक्षक व कर्मचारियों को इपीएफ (EPF) और पेंशन का लाभ मिलेगा। इनमें 61 हजार पारा शिक्षक (सहायक अध्यापक) शामिल हैं. शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने सोमवार को इस आशय के प्रस्ताव पर अपनी स्वीकृति दे दी.

प्रस्ताव अब वित्त व विधि विभाग को स्वीकृति के लिए भेजा जायेगा.. कैबिनेट की मंजूरी के बाद राज्य के शिक्षकों को इपीएफ व पेंशन का लाभ मिलने लगेगा. इपीएफ के लिए 12 फीसदी राशि पारा शिक्षकों के मानदेय से काटी जायेगी. जबकि 13 फीसदी राशि राज्य सरकार की ओर से दी जायेगी. पारा शिक्षक कई दिनों से इसकी मांग कर रहे थे. पारा शिक्षकों के साथ झारखंड शिक्षा परियोजना के तहत कार्यरत अन्य कर्मियों को भी इससे जोड़ा जायेगा. कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय, झारखंड बालिका आवासीय विद्यालय के शिक्षक एवं कर्मचारी समेत बीआरपी, सीआरपी व परियोजना के तहत कार्यरत अन्य कर्मियों को भी इपीएफ से जोड़ा जायेगा.

सरकार का खर्च होगा 152 करोड़

शिक्षक व कर्मचारियों को इपीएफ का लाभ देने में सरकार को लगभग 152 करोड़ रुपये व्यय करना पड़ेगा. जबकि इतनी ही राशि शिक्षकों व कर्मचारियों के मानदेय से काटी जायेगी. पारा शिक्षकों समेत लगभग 65000 शिक्षकों व कर्मचारी को इपीएफ से जोड़ा जायेगा।

सरकार को अधिकतम 1950 रुपये देने होंगे

राज्य में पारा शिक्षकों के वर्तमान मानदेय के अनुसार, एक शिक्षक के लिए सरकार को अधिकतम 1950 रुपये का अंशदान देना होगा. राज्य में वर्तमान में पारा शिक्षकों को चार स्लैब में मानदेय का भुगतान किया जाता है. उनके मानदेय के स्लैब के अनुरूप सरकार द्वारा इपीएफ के लिए अनुदान दिया जायेगा.

राज्य के पारा शिक्षकों को इपीएफ व पेंशन का लाभ देने के लिए विभाग द्वारा तैयार प्रस्ताव को सोमवार को स्वीकृति दे दी. अब इस संबंध में आगे की प्रक्रिया जल्द पूरी करने को कहा गया है. कैबिनेट की स्वीकृति के बाद पारा शिक्षकों के साथ अन्य परियोजना कर्मियों को भी इपीएफ का लाभ मिलने लगेगा. पारा शिक्षकों के कल्याण को गठन को लेकर भी प्रक्रिया अंतिम चरण में है. शिक्षकों के चार फीसदी मानदेय वृद्धि को लेकर भी जिलों को निर्देश जारी कर दिया गया है।

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