नयी दिल्ली : लोकसभा चुनाव को लेकर इलेक्शन कमीशन एक्शन मोड में है। छह राज्यों में गृह सचिव को हटाने के बाद 8 डीसी और 8 एसपी को भी चुनाव आयोग ने हटाने का आदेश दिया है। साथ ही विकसित भारत नाम से भेजा जा रहा व्हाट्सएप मैसेज पर भी चुनाव आयोग ने रोक लगा दी है। आरोप है कि ऐसे मैसेज से मोदी सरकार का चुनाव प्रचार हो था। चुनाव आयोग ने इस मैसेज पर रोक लगा दी है. केंद्रीय चुनाव आयोग ने इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को निर्देश देते हुए कहा की अगर आचार संहिता लगने के बाद भी लोगों के पास विकसित भारत से जुड़े संदेश जा रहे हैं तो उन पर फ़ौरन रोक लगे।

साथ ही चुनाव आयोग को इस बाबत की गई कार्रवाई की जानकारी भी दी जाए। आयोग को शिकायत मिली थी कि लोकसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा और आचार संहिता लागू होने के बावजूद सरकार की योजनाएं बताने वाले मैसेज आम लोगों को भेजे जा रहे हैं।हालांकि, मंत्रालय ने आयोग को दिए जवाब में कहा था कि ये मैसेज आचार संहिता लागू होने से पहले भेजे गए थे, लेकिन ये सिस्टम और नेटवर्क इश्यू की वजह से देर से पहुंचे हैं।

इससे पहले, आयोग ने 4 राज्यों गुजरात, पंजाब, ओडिशा और असम में नॉन कैडर अधिकारियों के ट्रांसफर ऑर्डर जारी किए। इनमें 8 उपायुक्त और 8 SP शामिल हैं।असम में CM हिमंता बिस्वा सरमा के भाई SP सोनितपुर सुशांत बिस्वा सरमा और पंजाब में खडूर साहिब से कांग्रेस सांसद जसबीर सिंह गिल के भाई SSP भटिंडा हरनानबीर सिंह गिल को हटाया है।

नॉन कैडर अधिकारी जिनका ट्रांसफर ऑर्डर जारी हुआ
ट्रांसफर किए जाने वाले अधिकारियों में गुजरात छोटा उदेपुर और अहमदाबाद ग्रामीण जिले के एसपी और पंजाब में पठानकोट, फाजिल्का, जालंधर ग्रामीण और मलेरकोटला जिलों के SSP शामिल हैं। पश्चिम बंगाल के पूर्व मेदिनीपुर, झाड़ग्राम, पूर्व बर्धमान और बीरभूम जिलों के DM के साथ-साथ ओडिशा के ढेंकनाल के डीएम और देवगढ़ और कटक ग्रामीण जिलों के SP को भी हटा दिया गया है। आयोग ने राज्य सरकारों को निर्देश दिया है कि वे नॉन कैडर अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से ट्रांसफर करें और आयोग में रिपोर्ट दें।

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