रांची। चुनाव के इस दौर में नेताओं के पाला बदलने का सिलसिला जारी है। भाजपा से कांग्रेस…कांग्रेस भाजपा, आम आदमी पार्टी से भाजपा…नेताओं का आना-जाना लगा है। झारखंड में नेताओं की अदला बदली काफी लकी रही है। कांग्रेस छोड़कर आयी गीता कोड़ा जहां भाजपा की प्रत्याशी बन गयी है, तो वहीं झामुमो से आयी सीता सोरेन भी दुमका से उम्मीदवार बनायी गयी है। अब चर्चा है है कि भाजपा से सांसद रह चुके राम टहल चौधरी कांग्रेस में शामिल होंगे।

चर्चा पूरजोर है कि रांची से 5 बार सांसद रह चुके रामटहल चौधरी कांग्रेस में शामिल होंगे। पिछली बार चौधरी का टिकट कट गया था, जिसके बाद उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा था। हालांकि, सफलता नहीं मिली।चुनाव में चौधरी कांग्रेस का साथ देंगे और सूत्रों के अनुसार उन्होंने कोई डिमांड भी नहीं रखी है। रामटहल चौधरी के पार्टी में शामिल होने सुबोधकांत सहाय के दावेदारी पर संशय की अटकलें तेज हो गई है।

भाजपा ने चौधरी का टिकट काटकर संजय सेठ को उम्मीदवार बनाया था, जो फिलहाल सांसद हैं और इस बार भी उन्हें ही टिकट मिला है। 1942 को पैदा हुए राम टहल चौधरी 1991 से 2004 और इसके बाद 2014 से 2019 तक रांची लोकसभा सीट से बीजेपी के सांसद रहे। एक राजनेता होने के अलावा वह समाजसेवक और शिक्षाविद भी हैं।

कौन हैं रामटहल चौधरी

राम टहल चौधरी (जन्म 1942) एक भारतीय राजनीतिज्ञ, शिक्षाविद्, परोपकारी हैं. वे 1991 से 2004 और फिर 2014 से 2019 तक झारखंड के रांची से लोकसभा के बीजेपी सदस्य थे. वे भारतीय जनता पार्टी (BJP) से थे. लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया। उनकी जगह पर संजय सेठ को टिकट दिया गया। जिसके बाद उन्होंने पार्टी से इस्तीफा दे दिया था उन्होंने 2019 में रांची से निर्दलीय चुनाव लड़ा लेकिन उन्हें 2.5% से भी कम वोट मिले थे. रामटहल चौधरी पहले बिहार विधानसभा के सदस्य के रूप में कार्य कर चुके है।

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