पटना। बिहार में शिक्षक भर्ती को लेकर मचे बवाल के बीच BPSC ने भी सख्त तेवर अपना लिया है। फर्जीवाड़ा करने वाले 20 अभ्यर्थियों को 5 साल के लिए बैन करने के बाद अब बिहार लोक सेवा आयोग ने उन अभ्यर्थियों पर भी कार्रवाई करने की तैयारी की है, जो शिक्षक भर्ती को लेकर लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं और BPSC की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर रहे हैं।

BPSC की तरफ से चार अभ्यर्थियों को नोटिस जारी कर एक सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है। नोटिस में ये भी लिखा है कि अगर जवाब उनकी तरफ से नहीं दिया जाता है, तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी। सभी अभ्यर्थियों को ईमेल के जरिये नोटिस का जवाब देने को कहा गया है।

जारी नोटिस के मुताबिक किशोर कुमार की तरफ से फर्जी अभ्यर्थियों का परीक्षापल प्रकाशित करने का आरोप लगाया गया था। BPSC का कहना है कि ये आरोप निराधार हैं और आयोग की छवि को खराब करने के लिए लगाये गये हैं।

उसी तरह से सरफराज आलम ने मीडिया में आरोप लगाया था कि ढ़ाई से तीन हजार फर्जी अभ्यर्थियों का रिजल्ट जारी किया गया है। वहीं, पिकी कुमारी ने आरोप लगाया है कि कट ऑफ में झोल है, जबकि मामून रशिद ने भी कट में गलती करने का आरोप लगाया है। बीपीएससी ने कहा है कि ये सभी आरोप बेबुनियाद हैं। बिना सत्यता जाने इस तरह से आरोप से बीपीएससी की छवि खराब हुई है।

पीएससी ने साफ कहा है कि ऐसे कृत्य की वजह से क्यों ना आपके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाये और आयोग की आगामी सभी परीक्षाओं से भाग लेने से वंचित कर दिया जाये।

हर खबर आप तक सबसे सच्ची और सबसे पक्की पहुंचे। ब्रेकिंग खबरें, फिर चाहे वो राजनीति...