कैबिनेट न्यूज : 7 साल से प्रमोशन की राह देखे रहे सरकारी कर्मचारियों को राहत मिली है। कर्मचारियों को अब कार्यकारी प्रभार मिलेगा। एक तरह से यह प्रमोशन ही है। कार्यकारी प्रभार मिलने के बाद अब उन्हें उसका वेतनमान और सुविधाएं मिलेंगी। पहले उनके पास प्रभार तो था, लेकिन वेतन और सुविधाएं नहीं मिल पा रही थीं।

बिहार में शुक्रवार को कैबिनेट की बैठक का आयोजन हुआ. इसमें आठ एजेंडों पर मुहर लगी है. साथ ही कई बड़े फैसले लिए गए है. शुक्रवार को कैबिनेट की बैठक हुई. इसमें आठ एजेंडों पर मुहर लगी है. इसमें फैसला लिया गया है कि प्रमोशन योग्य कर्मचारियों को अब कार्यकारी प्रभार दिया जाएगा. इससे पुलिस, टीचर समेत अन्य विभागों के कर्मचारियों को लाभ मिलने वाला है. बताया जा रहा है कि करीब पांच लाख कर्मचारियों को इससे फायदा होने जा रहा है. दुर्गा पूजा के पहले सरकार ने कर्मचारियों को बड़ा तोहफा दिया है.

नीतीश कैबिनेट की बैठक में ये फैसला लिया गया है। प्रदेश में 5 लाख से अधिक सरकारी कर्मचारी हैं।

प्रमोशन का मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबे समय से पेंडिंग है, इसलिए कार्यकारी प्रभार देने का फैसला लिया गया है।

दुर्गा पूजा से पहले इसे राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए तोहफा माना जा रहा है। इसमें SC-ST कर्मियों को कोटे के अंदर कोटा दिया जाएगा। इसके लिए 17 फीसदी पद रिजर्व रखा जाएगा। इसमें SC वर्ग के कर्मियों के लिए 16 और ST वर्ग के कर्मियों के लिए एक फीसदी पद फ्रिज रखा जाएगा।

कैबिनेट सचिव एस सिद्धार्थ ने बताया कि जिस विभाग में जिस पद पर 17% अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति नहीं रहेंगे उतने पद को फिलहाल रिक्त कर छोड़ दिया जाएगा. उसका निर्णय आगे राज्य सरकार लेगी. राज्य के सरकारी कर्मचारियों एवं पदाधिकारी का प्रमोशन 2016 से रुका हुआ है जिसको देखते हुए आज कैबिनेट में वैकल्पिक रास्ता तैयार किया गया है. उन्होंने यह भी कहा कि जब सुप्रीम कोर्ट का जो निर्णय आएगा उस निर्णय के आलोक में काम किया जाएगा. अगर जिन्हें प्रमोशन मिला है अगर कोर्ट के निर्देश में वह प्रमोशन नहीं करने वाला होगा तो जिस पद पर वह कर्मचारी था उसे उसी पद पर लाया जाएगा, लेकिन जो उन्हें प्रमोशन देकर पेमेंट किया जाएगा वह राज्य सरकार वापस नहीं लेगी.

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