Sanjeev Lal Biography In Hindi: …आखिरकार करोड़पति नौकर के मालिक संजीव लाल को गिरफ्तार कर लिया गया। सोमवार को जब सब ED ने रांची में दबिश दी थी, तभी से ही संजीव लाल के बारे में हर कोई जानना चाहता है। संजीव लाल (sanjeev lal) को मंत्री आलमगीर आलम(Minister Alamgir Alam) का बेहद करीबी माना जाता है। इसी वजह से चर्चाएं पूरजोर है कि इस मामले में आंच मंत्री आलमगीर आलम तक भी जायेगी। झारखंड राज्य प्रशासनिक सेवा के अफसर (State Administrative Service Officer)
संजीव लाल का ग्रामीण विकास विभाग में गजब का रुतबा था।

जानकार बताते हैं कि संजीव लाल पिछले 4 वर्षों से ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम के OSD हैं। इससे पहले वह पूर्व मंत्री और रांची विधायक सीपी सिंह (cp singh) के भी OSD रह चुके हैं। संजीव लाल के कद का पता इसी बात से चलता है कि प्रदेश में सरकार चाहे किसी भी पार्टी की रही हो संजीव लाल का रूतबा कभी कम नहीं रहा। हाल के दिनों में संजीव लाल का विभाग में कद काफी बढ़ गया है। सभी फाइलें संजीव लाल के टेबल से होकर तो जाती ही थी, मंत्री भी बिना संजीव लाल अपना कलम नहीं चलाते थे।

जानिये कौन हैं संजीव लाल (Know who is Sanjeev Lal)

संजीव लाल अब तक अलग-अलग विभाग में कई मंत्रियों के साथ काम कर चुके हैं। अपने रूतबे का संजीव लाल ने भरपूर फायदा भी उठाया और अकूत दौलत हासिल की। दबी जुबान में लोग बताते हैं कि संजीव लाल ने अपने रिश्तेदारों व कारीबियों के नाम पर राज्य के अलग-अलग जिलों में कई प्रॉपर्टी खरीद रखी है। इसके अलावा झारखंड के बाहर भी उन्होंने करोड़ों का निवेश कर रखा है।

जहांगीर (Servent Jhangir Alam) के आवास से 35 करोड़ कैश (35 crore cash recovered)
बरामद होने के बाद संजीव लाल और नौकर जहांगीर को गिरफ्तार कर लिया गया है। मंत्री आलमगीर आलम के OSD संजीव लाल के करीबी मुन्ना सिंह के आवास से ईडी ने 3 करोड़ रुपए बरामद किया है। झारखंड में ठेकेदारी के पैसों का खेल काफी बड़ा है. कुछ दिनों पहले ही ED ने पथ निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता वीरेंद्र राम को गिरफ्तार किया गया था। कहा जा रहा है कि सभी खेल के पीछे संजीव लाल का ही हाथ था।

संजीव लाल अर्जुन मुंडा की सरकार के समय मंत्री रही विमला प्रधान, रघुवर दास सरकार में मंत्री रहे सीपी सिंह के आप्त सचिव भी संजीव लाल रह चुके हैं। ये जेपीएससी फर्स्ट बैच के अधिकारी हैं, जो रांची में एसडीओ समेत कई पदों पर रहे हैं।साथ ही साथ इनका नाम फर्स्ट बैच के उन 37 सफल अभ्यर्थियों में शामिल है, जिनके नाम से सीबीआइ ने आरोप पत्र दाखिल किया है. इसमें सीमा सिंह, कुंवर सिंह पाहन जैसे अधिकारी भी शामिल हैं।संजीव लाल के बारे में बताया जाता है कि ये ग्रामीण विकास, आरइओ, स्पेशल डिविजन के टेंडर को मैनेज करते थे. सरकार के एक बड़े राजनेता के यहां ये पैसे पहुंचाने का काम भी करते थे. साथ ही साथ आरइओ के विभिन्न पैकेज के सभी टेंडर में ठेकेदारों को मैनेज कर, उसका पर्सेंटेज तय करना इनका काम था. संजीव लाल कस्टमरों को फांसते भी थे।

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