पटना: BPSC पर्चा लीक मामले में भ्रष्ट BDO को बर्खास्त कर दिया है। BDO जयवर्धन गुप्ता की भ्रष्टाचार की पुरानी दास्तान रही है। 5 साल पहले घूसखोर अफसर 1 लाख रुपये रिश्वत लेते गिरफ्तार हुआ था। घूसखोरी प्रकरण में उसकी गिरफ्तारी हुई, लेकिन जेल से छूटते ही सेटिंग की बदौलत फिर से उसने पोस्टिंग ले ली। जयवर्धन गुप्ता बतौर बीडीओ भोजपुर के बड़हरा में पदस्थापित था। बिहार लोक सेवा आयोग की 67वीं प्रारंभिक परीक्षा को प्रश्न पत्र लीक की जब जांच होने लगी तो इसकी आंच बड़हरा प्रखंड के तत्कालीन BDO जयवर्धन गुप्ता तक पहुंच गई। आर्थिक अपराध इकाई(EOU) ने मई 2022 में जयवर्धन गुप्ता को पटना बुलाया और पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया। जयवर्धन गुप्ता को बीपीएससी की परीक्षा केंद्र का सेंटर मजिस्ट्रेट बनाया गया था। बताया जाता है कि पेपर लीक कराने में इसकी बड़ी भूमिका थी.।

बिहार सरकार ने जयवर्धन गुप्ता को 24 फरवरी को घोसवरी में रिश्वत लेने में गिरफ्तारी व अन्य मामलों में सेवा से बर्खास्त किया गया है। नीतीश कैबिनेट ने आज बर्खास्तगी पर मुहर लगाई है। जयवर्धन गुप्ता पर लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान के तहत शौचालयों की जियो टैगिंग नहीं करने का आरोप था। नोटिस जारी होने पर जवाब भी नहीं दिया था। स्वच्छ भारत मिशन, लोहिया स्वच्छता अभियान के तहत प्रोत्साहन राशि का भुगतान नहीं करने के संबंध में भी स्पष्टीकरण का जवाब नहीं दिया। इसके बाद ग्रामीण विकास विभाग ने पद का दुरुपयोग करने तथा भ्रष्ट आचरण के प्रमाणित गंभीर आरोपों में बर्खास्त करने का निर्णय लिया. जिसे कैबिनेट ने स्वीकार कर लिया है।

योजना के एवज में ले रहे थे घूस


जयवर्धन गुप्ता को करीब पांच साल पहले राजधानी पटना स्थित घोसवरी प्रखंड के बीडीओ रहते निगरानी विभाग की टीम ने एक लाख रुपये घूस लेते हुए रंगेहाथ पकड़ा था। बीडीओ जयवर्धन गुप्ता एक योजना की प्रशासनिक स्वीकृति देने के एवज में एक लाख रुपये की रिश्वत की मांग कर रहे थे। शिकायत के सत्यापन के बाद विजिलेंस ने इस बीडीओ को धर दबोचा था। मोकामा में गिरफ्तारी के बाद बीडीओ जयवर्धन को पद से हटा दिया गया था। उस वक्त बीडीओ जयवर्धन की गिरफ्तारी मोकामा के मोलदियार टोला स्थित उनके किराये के मकान से हुई थी।

हर खबर आप तक सबसे सच्ची और सबसे पक्की पहुंचे। ब्रेकिंग खबरें, फिर चाहे वो राजनीति...