पटना। बिहार में धार्मिक जुलूस व शोभा यात्रा में अस्त्र-शस्त्र का प्रदर्शन नहीं हो सकेगा। राज्य सरकार ने इसे लेकर कड़ी पाबंदी लगा दी है। सरकार का कहना है कि शोभा यात्रा और धार्मिक जुलूस के दौरान माइक्रोफोन, लाउडस्पीकर से काफी तेज आवाज होती है। धार्मिक नारे लगाने, डीजे बजाने, परम्परागत हथियारों के प्रदर्शन से साम्प्रदायिक तनाव फैसला है। इससे कानून व्यवस्था बिगड़ती है।

बिहार सरकार में सभी जिला अधिकारी एसपी को इसे लेकर निर्देश जारी किया है। निर्देश के मुताबिक जुलूस और शोभा यात्राओं में लाठी,भाला, तलवार, आग्नेयास्त्र और अन्य हथियारों का उत्तेजक प्रदर्शन किया जाता है। कुछ खास परिस्थिति व सिख समुदाय द्वारा धारित कृपाण को छोड़कर किसी भी जुलूस या शोभायात्रा में हथियार ले जाने और प्रदर्शन पर आर्म्स एक्ट की तरह रोक लगा दी गयी है।

सरकार ने ये भी कहा है कि किसी भी जुलूस और शोभा यात्रा के पहले जुलूस में शामिल होने वाले 15 से 20 लोगों की लिस्ट देनी होगी। उनको यह बताना होगा कि जुलूस और शोभायात्रा के दौरान किसी तरह की हिंसा नहीं होगी। किसी भी तरह के शस्त्र ले जाने को लेकर अलग से अनुमति लेनी होगी। वहीं साउंड सिस्टम को लेकर भी दिशा निर्देश जारी किये गये हैं।

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