रांची। पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी का एक सोशल मीडिया में जारी किया पत्र खूब वायरल हो रहा है। अफसरों को नसीहत देने वाले इस लेटर का आशय यही है कि गलत काम अधिकारियों को नहीं करना चाहिए। बाबूलाल ने पत्र में अपने मुख्यमंत्रित्व काल का एक अनुभव शेयर किया है। बाबूलाल ने लिखा है कि तब उग्रवादियों का उत्पात चरम पर था। योजना ज्यादा से ज्यादा उग्रवादियों, उनके सहयोगियों को मुख्यधारा में वापस लाने की थी।

बाबूलाल ने लिखा है कि आदिवासी बहुल एक जिले में कुछ उग्रवादियों को संसाधन देने वालों के पीछे पुलिस हाथ धोकर पड़ी हुई थी। वहां के एक सीनियर पदाधिकारी को बुलाकर कर कहा कि उन्हें मुख्यधारा में लाना चाहता हूं। थोड़ा रहम करिए उनपर। वे अधिकारी रो पड़े और कहा कि सर ये लोग भारी बदमाश हैं। मुझसे तो यह नहीं होगा। आप चाहें तो मुझे वहां से हटा दीजिए। मैंने तुरंत अपनी बात वापस ली और उन्हें कहा कि बेहिचक अपनी कार्रवाई जारी रखिए। आज भी उन्हें देखता हूं तो मुझे उनकी बात याद आ जाती है। उन्हें सम्मान से देखता हूं। संयोगवश वे अफसर भी आदिवासी समाज से ही थे। मैंने पद की गोपनीयता की शपथ ली थी, इसलिए उनका नाम उजागर नहीं करूंगा।

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