पटना आज 16 नवंबर को पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा नियुक्ति पत्र वितरण समारोह होना है। जिससे भव्यता देने के लिए राज्य प्रशासन के आला अधिकारी लगे हुए है।परंतु ये समारोह आयोजन से पहले ही सवालों के घेरे में आ गए हैं।क्योंकि जिन लोगो को नियुक्ति पत्र दिया जाना है वो पहले से ही विभाग में नियुक्त हैं और वो प्रशिक्षण ले रहे हैं। ऐसे में इस तरह के सरकारी आयोजन महज दिखावा तो साबित नही होगी? ये सवाल खुद ब खुद खड़े हो रहे हैं।

क्या है पूरा मामला

आपको बता दे की आज गांधी मैदान पटना में नियुक्ति पत्र वितरण समारोह का आयोजन है।जिसमे पुलिस विभाग के कुल 10459 पुलिसकर्मी नियुक्ति पत्र वितरण करना है। जिनमें 8346 सिपाही और 2213 अवर निरीक्षक शामिल है। परंतु मजेदार बात यह है की जिन पुलिसकर्मियों को यह नियुक्ति पत्र दिया जा रहा है और तरह-तरह के वाहवाही बटोरी जा रही है उनमें ये पुलिसकर्मी पहले से ही विभाग में नियुक्त होकर प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। ऐसे में दोबारा नियुक्ति पत्र बांटने का औचित्य समझ से परे है।

सरकारी आयोजन कर पीठ थपथपाने का सिलसिला में सारे नियम कानून ताक पर रखे जा रहे हैं। इसके पहले पुलिस मुख्यालय ने 11 जनवरी को एक आदेश पत्र निकाला था जिसमें कहा गया था की नवनियुक्त पुलिसकर्मी को डीआईजी और एसपी ने अपने स्तर से नियुक्ति पत्र सौंपने का जिक्र है। सभी दारोगा को रीजनल डीआईजी और आईजी और सभी सिपाही जिले के एसपी ने अपने स्तर से नियुक्ति पत्र सौंपा है।

पुलिस मुख्यालय और एडीजी मुख्यालय के प्रवक्ता जी एस गंगवार ने बताया की नियुक्ति पत्र पूर्व में मिलने की कोई जानकारी से अनभिज्ञता जाहिर किया और कहा की नियुक्ति प्राधिकार होना अलग बात है और नियुक्ति पत्र बांटने का अधिकार अलग बात है। सिपाही की नियुक्ति एसपी, और एसआई की नियुक्ति डीआईजी की करने का प्राधिकार प्राप्त है। 16 नवंबर का समारोह नियुक्ति पत्र वितरण समारोह है। मालुंभो की पुलिस मुख्यालय से सभी डीआईजी को नियुक्ति पत्र देने का आदेश जनवरी महीने में ही दिया जा चुका था।

नियुक्ति पत्र समारोह में सभी कर्मी को वर्दी में बुलाया गया है।जबकि ये पूरी तरह से पुलिस मेन्युअल का उलंघन है क्योंकी ट्रेनिंग पीरियड में कोई भी पुलिसकर्मी पुरी वर्दी नहीं पहन सकता है इसके बावजूद सारे नियमों को ताक पर रखकर ये सरकारी आयोजन को चमकाया जा रहा है। जहां एक ओर बेरोजगारों की फौज खड़ी है और आंदोलन पर लगे है वैसे में बिहार सरकार झूठी वाहवाही बटोरने में लगी है।

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