मोतिहारी। बिहार में स्वास्थ्य विभाग की शर्मनाक कहानी सुनकर आप भी हैरान रह जायेंगे। एंबुलेंस में मरीज जिंदगी और मौत से जूझ रहा था और आधे रास्ते में ही सरकारी एंबुलेंस का डीजल खत्म हो गया। डीजल के बिना एंबुलेंस बीच रास्ते घंटों रूकी रही, वहीं इस दौरान करीब तीन घंटे तक मरीज एंबुलेंस में ही तड़पती रही। शर्मनाक वाकया मोतिहारी का है। जहां गंभीर हालत के रेफर की गयी एक महिला मरीज को लेकर जा रही एंबुलेंस का बीच रास्ते में ही डीजल खत्म हो गया।

हद तो तब हो गयी जब डीजल का इंतजाम करने में तीन घंटे से ज्यादा वक्त लग गया। बता दें कि निजी एजेंसी के मार्फत जिले में 78 एंबुलेंस का संचालन होता है। एंबुलेंस चालकों की माने तो तेल मिलने में हमेशा ही परेशानी आती है। जानकारी के मुताबिक मोतिहारी के सदर अस्पताल के चिकित्सकों ने एक महिला को गंभीर हालत में बेहतर इलाज के लिए पटना के गुरु गोविंद सिंह अस्पताल में रेफर कर दिया।

इस दौरान एंबुलेंस का डीजल हाजीपुर के पास खत्म हो गया। इसके बाद मरीज गंभीर हालत में तड़प रहा था और एंबुलेंस आगे बढ़ने की स्थिति में नहीं थी। सदर अस्पताल में एक महिला ने बच्चे को जन्म दिया। जच्चां-बच्चाि की हालत बिगड़ने लगी, जिसके बाद डॉक्टर ने पटना रेफर कर दिया, लेकिन जिस एंबुलेंस से उन्हें जाना था, उसमें भी डीजल नहीं था। डीजल का इंतजाम करने में करीब तीन घंटे लग गए। इसके बाद एंबुलेंस मरीज को लेकर रवाना हुआ।

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