अजमेर। दो करोड़ रुपए घूस मांगने वाली एएसपी दिव्या मित्तल ने अपने मोबाइल झील में फेंक दिये। मोबाइल की बारमदगी केलिए ACB की टीम ने अजमेर की आनासागर झील में सर्च आपरेशन चलाया। दिव्या मित्तल को एसीबी की कार्रवाई की भनक एक दिन पहले ही लग गई थी। इसलिए दिव्या ने अपने 2 मोबाइल फोन अजमेर की आनासागर झील में फेंक दिए। एसीबी के अधिकारी इस बारे में अधिकारिक तौर पर तो नहीं बोल रहे, लेकिन उनकी जांच में दिव्या के ऊपर तक के रिश्तों की जानकारी सामने आई है।

रिमांड के दौरान जब एसीबी ने दिव्या मित्तल तो पूछताछ की तो उन्होंने मोबाइल आनासागर झील में फेंकने की बात कबूल की. आज जयपुर एसीबी की टीम मोबाइल बरामदगी के लिए दिव्या मित्तल को लेकर अजमेर पहुंची. बताया जा रहा है कि रविवार रात जब दिव्या मित्तल ने अपना मोबाइल आनासागर झील में फेंका, उस समय वह अपनी सरकारी गाड़ी में थीं. इसलिए सरकारी गाड़ी के ड्राइवर बहादुर सिंह को भी मौके पर बुलाया गया.

लिव इन पार्टनर से शादी
दिव्या हमेशा से ही विवाद में रही है। करीब एक दशक पहले लिव इन पार्टनर के साथ मंदिर में शादी की और फिर पति के विरूद्ध दहेज प्रताड़ना का मुकदमा दर्ज करवा कर तलाक ले लिया। एसीबी की जांच में सामने आया कि दिव्या का उदयपुर में एक रिसोर्ट,जयपुर,अजमेर और पुष्कर में घर व फ्लैट के साथ ही फार्म हाउस भी है। दिव्या का परिवार मूलत: हरियाणा के चरखीदादरी के पास का रहने वाला है। करीब चार दशक पहले उसके पिता राजस्थान में झुंझुनूं जिले के चिड़ावा आकर बस गए थे। उन्होंने यहां ट्रैक्टर की एजेंसी खोली थी। दिव्या ने चिड़ावा में ही स्कूल की पढ़ाई की और फिर साल, 2010 में राजस्थान पुलिस सेवा में उसका चयन हो गया। दिव्या सात साल उदयपुर में आबकारी विभाग में तैनात रही।

झील में चलाया सर्च आपरेशन


झील गहरी होने के चलते एसीबी ने एसडीआरएफ की मदद ली। एसडीआरएफ के 10 जवानों ने करीब तीन घंटे तक आनासागर झील में मोबाइल की तलाश की, लेकिन मोबाइल बरामद नहीं हुए। इसके बाद अंधेरा होने के चलते सर्च अभियान को रोक दिया गया। बताया जा रहा है कि कल एक बार फिर एसीबी एसडीआरएफ की मदद से सर्च कर सकती है। आज सर्च के दौरान दिव्या मित्तल एसीबी की हिरासत में कार में ही बैठी रहीं। कुछ देर के लिए दिव्या मित्तल को एसीबी के अधिकारी सर्किट हाउस भी लेकर पहुंचे। जहां दिव्या मित्तल ने कुछ देर आराम किया और वापस मौके पर लाया गया।

रविवार रात सरकारी गाड़ी से झील के किनारे पहुंची थी दिव्या
रविवार रात करीब 10 बजे दिव्या मित्तल अपने एआरजी स्थित फ्लैट से अपनी सरकारी गाड़ी से ब्यावर के लिए निकलीं और उसने ड्राइवर बहादुर को गाड़ी आनासागर के करीब से ले जाने के लिए कहा था. जब एसीबी ने दिव्या मित्तल को रंगे हाथों ट्रैप करने का प्रयास किया तो उनका मोबाइल पहले ही गायब था. कोर्ट के आदेश के बाद एसीबी ने पूरी गोपनीयता रखते हुए पांच ठिकानों पर एक साथ सर्च किया. दिव्या का मोबाइल एसीबी के लिए चुनौती बना हुआ है. दो दिन में दिव्या की रिमांड अवधि भी समाप्त हो रही है। यदि इन दो दिनों में दिव्या का मोबाइल नहीं मिला तो एसीबी का केस कमजोर पड़ने के भी आसार हैं. एसीबी इस हाई प्रोफाइल केस में मीडिया के सामने कुछ भी खुलकर नहीं बोल रही है।

हर खबर आप तक सबसे सच्ची और सबसे पक्की पहुंचे। ब्रेकिंग खबरें, फिर चाहे वो राजनीति...