world happiest countries 2024: दुनिया का सबसे खुशहाल देश फिनलैंड है। लगातार सातवें साल फिनलैंड ने दुनिया के सबसे खुशहाल देश का खिताब अपने नाम किया है। संयुक्त राष्ट्र की खुशहाल देशों की रैंकिंग में नॉर्डिक देशों का दबदबा कायम है। फिनलैंड के बाद इस सूची में डेनमार्क, आइसलैंड और स्वीडन का नाम है। फिनलैंड के लोगों का प्रकृति के साथ जुड़ाव, हेल्दी वर्क-लाइफ बैलेंस उनकी खुशहाली की प्रमुख वजहें हैं।

फिनलैंड के लोग आर्थिक तरक्की से इतर भी जीवन की सफलता को देखते हैं, इसके अलावा, सामाजिक सुरक्षा, सरकारी संस्थाओं पर भरोसा, कम भ्रष्टाचार, अच्छी शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएं भी उनकी खुशहाली में योगदान देते हैं। दूसरी ओर सर्वेक्षण में शामिल 143 देशों की सूची में अफगानिस्तान खुशहाल देशों की रैंकिंग में सबसे नीचे बना हुआ है जो 2020 में तालिबान के दोबारा सत्ता में आने के बाद से लगातार मानवीय संकटों का सामना कर रहा है।

एक दशक से भी अधिक समय में पहली बार संयुक्त राज्य अमेरिका और जर्मनी, 20 सबसे खुशहाल देशों की लिस्ट से बाहर हो गए हैं और क्रमशः 23वें और 24वें स्थान पर आ गए हैं. अमेरिका रैंकिंग में पिछले साल 16वें स्थान पर था. कोस्टा रिका और कुवैत ने 12वीं और 13वीं रैंकिंग के साथ शीर्ष 20 में अपनी जगह बनाई है.इस साल कनाडा 15वें स्थान पर रहा जबकि ब्रिटेन 20वें, जर्मनी 24वें और फ्रांस 27वें स्थान पर था.
यह रिपोर्ट एक बदलाव पर प्रकाश डालती है जहां सबसे खुशहाल देशों में अब दुनिया के सबसे बड़े देशों में से कोई भी शामिल नहीं है. शीर्ष 10 में केवल नीदरलैंड और ऑस्ट्रेलिया हैं जिनकी आबादी 1.5 करोड़ से अधिक है और कनाडा और यूके शीर्ष 20 में हैं जिनकी आबादी 30 करोड़ से अधिक है.
2006-2010 के बाद से खुशहाल देशों की सूची में उल्लेखनीय बदलाव देखे गए हैं. खुशहाल देशों की इस लिस्ट में अफगानिस्तान, लेबनान और जॉर्डन की रैंकिंग में गिरावट देखी गई है, जबकि सर्बिया, बुल्गारिया और लातविया जैसे पूर्वी यूरोपीय देशों की रैंकिंग में वृद्धि देखी गई है.
खुशहाल देशों की रैंकिंग नागरिकों की जीवन के प्रति संतुष्टि के साथ-साथ प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी), समाज और लोगों का आपसी समर्थन, हेल्दी लाइफ एक्सपेक्टेंसी, स्वतंत्रता, उदारता और भ्रष्टाचार जैसे फैक्टर्स के जरिए निर्धारित की जाती है।

भारत खुशहाल देशों की लिस्ट में काफी नीचे

खुशहाली सूचकांक में भारत पिछले साल की तरह ही 126वें स्थान पर है जबकि भारत के पड़ोसी देश चीन 60वें, नेपाल 93वें, पाकिस्तान 108वें, म्यांमार 118वें, श्रीलंका 128वें और बांग्लादेश 129वें स्थान पर है. अगर देखा जाए तो पाकिस्तान खुशहाल देशों की रैकिंग में भारत से आगे है.
भारत की बुजुर्ग आबादी में जीवन के प्रति संतुष्टि पर एक दिलचस्प ट्रेंड जरूर देखने को मिला है. ऐसा माना जाता है कि ज्यादा आय वाले देशों में ही बुजुर्ग आबादी ज्यादा खुशहाल होती है जबकि भारत में बुजुर्ग पुरुषों में जीवन को लेकर संतुष्टि ज्यादा है. हालांकि, बुजुर्ग भारतीय महिलाएं बुजुर्ग पुरुषों की तुलना में कम खुश हैं.
पूरी दुनिया में ही लगभग हर क्षेत्र में महिलाएं पुरुषों की तुलना में कम खुश थीं. उम्र बढ़ने के साथ उनकी खुशहाली का स्तर और भी घटता जाता है.
भारत में शिक्षा का स्तर और जाति भी खुशहाली में बड़ी भूमिका अदा करती है. जो पढ़े-लिखे कम हैं और एस-सी, एसटी जाति से आते हैं, उनकी खुशहाली का स्तर कम पाया गया.
दुनिया की युवा आबादी ( 30 और उससे कम उम्र) की बात करें तो लिथुआनिया, इजरायल, सर्बिया, आइसलैंड, डेनमार्क शीर्ष पांच देशों में शामिल थे. जबकि फिनलैंड इस मामले में सातवें नंबर पर था. भारत की युवा आबादी खुशहाली के मामले में 127वें नंबर पर थी.

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