aadhaar kaard ka prayog ab is pramaan ke lie nahin kie ja sakenge, jaaree hua aadesh

जरूरी खबर । सभी कार्यों के लिए वैध दस्तावेज के रूप में काम आने वाला आधार के लिए एक नई अपडेट आई है।अब कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने जन्म तिथि (DoB) के प्रमाण के लिए आधार को स्वीकार्य दस्तावेजों की सूची से हटा दिया है. 16 जनवरी को जारी एक परिपत्र संख्या (WSU/2024/1/UIDAI Matter/4090) में, रोजगार निकाय ने कहा है कि यह निर्णय भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) के एक निर्देश के बाद लिया गया है.

जन्म प्रमाण पत्र की सूची से आधार को हटाया गया

ईपीएफओ ने कहा है. “जन्म तिथि प्रमाण के रूप में स्वीकार्य दस्तावेजों की सूची से आधार को हटा दिया गया है. इस संबंध में यूआईडीएआई से एक पत्र प्राप्त हुआ है (कॉपी संलग्न है), जिसमें कहा गया है कि जन्मतिथि के प्रमाण के रूप में आधार के उपयोग को स्वीकार्य दस्तावेजों की सूची से हटाने की जरूरत है. तदनुसार, आधार को जन्मतिथि में सुधार के लिए स्वीकार्य दस्तावेजों की सूची से हटाया जा रहा है, जैसा कि संदर्भ के तहत जेडी एसओपी के अनुलग्नक -1 की तालिका-बी में उल्लिखित है, “16 जनवरी, 2024 के ईपीएफओ परिपत्र में कहा गया है,” इससे पहले, यूआईडीएआई ने ये भी कहा था कि ईपीएफओ जैसे कई संगठन जन्मतिथि की पुष्टि के लिए आधार को एक वैध दस्तावेज मानते रहे हैं. हालांकि, यूआईडीएआई ने यह स्पष्ट कर दिया है कि यद्यपि आधार एक विशिष्ट पहचान प्रमाण के रूप में कार्य करता है, लेकिन इसे आधार अधिनियम, 2016 के अनुसार जन्म तिथि का वैध प्रमाण नहीं माना जाता है.

ईपीएफओ के लिए ये प्रमाण हैं मान्य

  1. जन्म और मृत्यु रजिस्ट्रार द्वारा जारी जन्म प्रमाण पत्र
  2. किसी मान्यता प्राप्त सरकारी बोर्ड या विश्वविद्यालय द्वारा जारी मार्कशीट
  3. स्कूल छोड़ने का प्रमाणपत्र (एसएलसी)/स्कूल स्थानांतरण प्रमाणपत्र (टीसी)/एसएससी प्रमाणपत्र जिसमें नाम और जन्म तिथि शामिल हो
  4. सेवा रिकॉर्ड के आधार पर प्रमाणपत्र
  5. पैन कार्ड
  6. केंद्रीय/राज्य पेंशन भुगतान आदेश
  7. सरकार द्वारा जारी किया गया निवास प्रमाण पत्र

आपको बता दें कि उपरोक्त जन्मतिथि के प्रमाण के अभाव में, सदस्य की चिकित्सीय जांच के बाद सिविल सर्जन द्वारा जारी चिकित्सा प्रमाण पत्र और सदस्य द्वारा सक्षम न्यायालय द्वारा विधिवत प्रमाणित शपथ पर शपथ पत्र भी डेट ऑफ बर्थ (DOB ) के लिए मान्य होगा.

क्या कहता है आधार अधिनियम

यूआईडीएआई के परिपत्र, जिसमें 2016 के आधार अधिनियम और नामांकन प्रक्रियाओं की देखरेख करने वाले नियमों का हवाला दिया गया था, ने यह स्पष्ट कर दिया कि आधार जन्म तिथि का वैध प्रमाण नहीं है. आपको बता दें कि 20 दिसंबर, 2018 को जारी कार्यालय ज्ञापन में यह विवरण स्पष्ट रूप से बताया गया है. हाल ही में बॉम्बे हाई कोर्ट के एक फैसले ने यह साफ कर दिया है कि आधार को जन्म के सबूत के रूप में स्वीकार नहीं किया जा सकता है.

हर खबर आप तक सबसे सच्ची और सबसे पक्की पहुंचे। ब्रेकिंग खबरें, फिर चाहे वो राजनीति...