रायपुर। चुनाव के वक्त जिस कांग्रेस ने अनियमित, संविदा और दैनिक वेतनभोगियों के नियमितिकरण का वादा कर सत्ता में आयी, सरकार बनाने के बाद उसी कांग्रेस को नहीं मालूम की, वो संविदा पर काम कर रहे कर्मचारियों को कब तक नियमित कर पायेगी। छत्तीसगढ़ में अभी शीतकालीन सत्र चल रहा है। सोमवार को शीतकालीन सत्र का पहला दिन था, इस दौरान विधानसभा में अनियमित कर्मचारियों के नियमितिकरण से जुड़े कई सवाल थे। सदन में अलग-अलग सवालों के लिखित जवाब में नियमितिकरण के संदर्भ में राज्य सरकार की तरफ से की जा रही जानकारी दी गयी। भाजपा विधायक डॉ. कृष्णमूर्ति बांधी ने पूछा कि शासकीय अधिकारी व कर्मचारियों के लिए घोषणा पत्र में क्या-क्या घोषणाएं की गई थीं? वहीं अनियमित, दैनिक वेतन भोगी व संविदा कर्मियों को नियमित करने को लेकर भी जानकारी मांगी गयी। बांधी ने ये भी पूछा कि सरकार अनियमित कर्मचारियों का कब तक नियमितिकरण करेगी।

जवाब में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने लिखित जवाब में बताया कि जनघोषणा पत्र में शासकीय अधिकारी व कर्मचारियों के लिए निम्नलिखित घोषणा की गई थी। (1) समस्त तृतीय श्रेणी एवं चतुर्थ वर्ग शासकीय कर्मचारियों के लिए क्रमोन्नति, पदोन्नति एवं चार स्तरीय उच्चतर वेतनमान लागू किया जाएगा। अनियमित, संविदा एवं दैनिक वेतनभोगी कर्मियों को रिक्त पदों पर नियमितिकरण की कार्यवाही की जाएगी एवं किसी की भी छटनी नहीं की जाएगी। शिक्षाकर्मियों को 02 वर्ष पूर्ण करने पर नियमितिकरण की कार्यवाही की जाएगी। (2) तृतीय एवं चतुर्थ वर्ग के पुलिस कर्मचारियों के आवास एवं बच्चों की शिक्षा हेतु पुलिस कल्याण कोष को शासकीय अनुदान समय-समय पर प्रदान कर सशक्त किया जाएगा।

सरकार ने बताया कि जो घोषणा पूरे नहीं हुए हैं, उन घोषणाओं के बारे में समय सीमा नहीं बताया जा सकता। सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने नियमितिकरण को लेकर तत्कालीन प्रमुख सचिव, वाणिज्य एवं उद्योग तथा सार्वजनिक उपक्रम विभाग की अध्यक्षता में निम्नानुसार समिति गठित की गई थी, जिसमें प्रमुख सचिव, विधि और विधायी कार्य विभाग-सदस्य, सचिव, सामान्य प्रशासन विभाग – सदस्य-सचिव, सचिव, वित्त विभाग सदस्य, सचिव, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग सदस्य, सचिव, आदिम जाति तथा अनुसूचित जनजाति विकास विभाग सदस्य के तौर पर शामिल थे। समिति की रिपोर्ट अभी नहीं आयी है। सरकार ने ये भी बताया कि समय सीमा नहीं बताया जा सकता कि कब तक नियमितिकरण किया जा सकेगा।
वहीं इसी मुद्दे पर डमरूधर पुजारी के सवाल पर मुख्यमंत्री ने बताया कि विभागों तथा उनके अधीनस्थ विभागाध्यक्ष कार्यालय, निगम, मंडल आयोग, संस्था आदि में पूर्व से कार्यरत अनियमित दैनिक वेतनभोगी एवं संविदा पर कार्यरत कर्मचारियों की जानकारी चाही गई है। समिति ने रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की है। मुख्यमंत्री ने बताया कि 11 दिसंबर 2019 को प्रमुख सचिव, वाणिज्य एवं उद्योग तथा सार्वजनिक उपक्रम विभाग की अध्यक्षता में निम्नानुसार समिति गठित की गई थी। राज्य सरकार ने समिति को यथाशीघ्र अपना प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं। समिति की बैठकें 9 जनवरी 202द और 16 अगस्त 2022 को हुई है।
बिलासपुर में कर्मचारियों का नियिमतिकरण
बीएसपी विधायक केशव प्रसाद चंद्रा ने बिलासपुर संभाल में कर्मचारियों की नियमितिकरण को लेकर सवाल पूछा, लिखित जवाब में मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रमुख सचिव, वाणिज्य एवं उद्योग तथा सार्वजनिक उपक्रम विभाग की अध्यक्षता में गठित कमेटी की आखिरी बैठक 16 अगस्त 2022 को हुई थी, जिसमें समस्त विभाग से अनियमित, दैनिक वेतनभोगी एवं संविदा पर कार्यरत कर्मचारियों संख्यात्मक जानकारी के साथ-साथ निर्णय/अनुशंसा अनुसार पांच बिन्दुओं की जानकारी समस्त विभागों से निर्धारित प्रपत्र में मांगी गयी है। हालांकि सरकार ने बताया कि नियमितिकरण की समय सीमा बता पाना संभव नहीं है।

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