रांची: झारखंड सरकार के कैबिनेट की आज हुई बैठक में कई अहम प्रस्तावों को स्वीकृति प्रदान की गई है। आज हुई बैठक में कुल 32 प्रस्तावों को स्वीकृति मिली है। इसमें सबसे अहम प्रस्ताव की स्वीकृति एससी-एसटी अधिनियम के तहत दर्ज मामले को लेकर दिया गया है। इसके तहत अब वैसे मामले जो अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 के तहत थानों में दर्ज हैं, उसका अनुसंधान दारोगा और इंस्पेक्टर भी कर सकेंगे। ऐसा निर्णय थानों में बढ़ते मामले और इसके अनुसंधान में लगने वाले डीएसपी की संख्या कम होने की वजह से लिया गया है।

  • एक अन्य प्रस्ताव उच्च शिक्षा को लेकर लिया गया है। जिसमें कहा गया है कि अब राज्य के विश्वविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर बनने के लिए पीएचडी होना अनिवार्य नहीं होगा। नेट पास किए उम्मीदवार इसके लिए योग्य मानें जाएंगे।
  • वहीं साल 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद बोकारो में हुए सिख दंगों के पीड़ितों को के बीच 1.20 करोड़ रुपए का भुगतान किया जाएगा। इसका लाभ दंगा पीड़ित 24 परिवारों के परिजनों को मिलने वाला है।
  • आज की कैबिनेट की बैठक में सरकार ने निर्णय लिया है कि राज्य के परगनैत को तीन हजार रुपए प्रतिमाह दिए जाएंगे। पहले सरकार ने एक हजार रुपए देने का निर्णय लिया था।
  • इसके साथ ही सरकार ने हॉकी चैंपियनशिप के दौरान पुलिस के लिए खरीदे गए स्कॉरपियो के लिए झारखंड आकस्मिकता निधि से 2.26 करोड़ रुपए की घटनोतर स्वीकृति दी है।
  • अन्य प्रस्तावों में पथ प्रमंडल खूंटी में आने वाले हटिया लोदमा कर्रा चौड़ीकरण, मजबूतीकरण और नवनीकरण के लिए 109.37 करोड़ की स्वीकृति दी गई।
  • गुमला जिला के चैनपुर जारी पथ 10.1 किलोमीटर के चौड़ीकरण और मजबूतीकरण के लिए 29.60 करोड़ की स्वीकृति मिली है।

कैबिनेट की स्वीकृति पर एक नज़र

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