पटना। देश के अन्य 25 शहरों के हवाई अड्डों को 2022 से 2025 के दौरान लीज पर देने के लिए सरकार द्वारा चुना गया है। देश के प्रमुख शहरों के हवाई अड्डों के संचालन का काम निजी क्षेत्र की कंपनियां कर रही हैं। अब राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन (एनएमपी) के तहत ये काम केंद्र सरकार करने जा रही है। केंद्रीय नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री वीके सिंह ने कहा कि देश में पुराने हवाई अड्डों का विकास किया जा रहे साथ ही नए एयरपोर्ट का भी निर्माण कराया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक पटना, रांची, भुवनेश्वर, वाराणसी, अमृतसर, त्रिची, इंदौर, रायपुर, कालीकट, कोयंबटूर, नागपुर, मदुरै, सूरत, जोधपुर, चेन्नई, विजयवाड़ा, वडोदरा, भोपाल, तिरुपति, हुबली हवाई अड्डे , इंफाल, अगरतला, उदयपुर, देहरादून और राजमुंदरी को लीज पर देने के लिए चुना गया है।

निजीकरण के पीछे ये है दलील


एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने अपने तहत आने वाले 8 हवाई अड्डों को संचालन, प्रबंधन और विकास के लिए पीपीपी मॉडल के तहत लंबे समय के लिए लीज पर दिया है। मंत्रालय का मानना है कि निवेश के जरिये हवाई अड्डे का बेहतर प्रबंधन करने के लिए जनहित में इसे निजी क्षेत्र को लीज पर दिया जा रहा है, ताकि देश में आधुनिक हवाई अड्डों का निर्माण हो सके और यात्रियों को बेहतर सुविधा हासिल हो सके।

केंद्रीय नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री वीके सिंह ने कहा कि हवाई अड्डे आर्थिक गतिविधि के केंद्र के तौर पर सामने आये हैं और इससे राज्य के आर्थिक विकास में मदद मिली है। लीज पर हवाई अड्डों को देने से हासिल राजस्व से देश में हवाई अड्डों के बुनियादी ढांचे का विकास किया जा रहा है। इसके अलावा सरकार ने देश में 21 ग्रीन फील्ड हवाई अड्डे के निर्माण को मंजूरी दी है। इसमें से 10 ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट शुरू हो चुका है।

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