kaangres kee mahila neta ne apane hee paartee neta par lagae durvyavahaar sahit kaee gambheer aarop, raashtreey adhyaksh kee bheja bhaavuk isteepha

नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के बीच कांग्रेस को झटके पर झटका लग रहा है. हाल के दिनों में दिल्ली कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रहे अरविंदर सिंह लवली ने पहले अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया और उन्होंने कांग्रेस छोड़ बीजेपी ज्वाइन कर ली.  लवली दिल्ली में आम आदमी पार्टी से कांग्रेस की गठबंधन का विरोध कर रहे थे. इस कारण उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी. अब एक और कांग्रेस नेता राधिका खेड़ा ने भी आज यानी रविवार को कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को उन्होंने अपना भावुक पत्र भेज पार्टी से अपना इस्तीफा दे दिया।

राधिका खेड़ा ने कहा…

पार्टी की राष्ट्रीय मीडिया समन्वयक राधिका खेड़ा ने कहा कि राम लला की जन्मस्थली अयोध्या धाम हम सभी के लिए बहुत पवित्र स्थान है और मैं खुद को वहां जाने से नहीं रोक सकी. लेकिन मैंने कभी नहीं सोचा था कि मुझे वहां जाने के बाद इतना विरोध झेलना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि अयोध्या जाने के कारण छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में मेरे साथ दुर्व्यवहार किया. मुझे वहां धकेल दिया गया और कमरे में बंद कर दिया गया, मैं छोटे से लेकर बड़े से बड़े नेतृत्व तक चीखती-चिल्लाती रही , लेकिन मुझे न्याय नहीं मिला. आज मैंने अपने पार्टी पद और प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है, लेकिन मुझे पूरा विश्वास है कि रामलला मुझे न्याय जरूर देंगे.

क्या लिखा इस्तीफे में

राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को पत्र लिखकर इस्तीफा दिया. अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर उन्होंने अपने पत्र को पोस्ट भी किया है साथ ही लिखा है कि आज अत्यंत पीड़ा के साथ पार्टी की प्राथमिक सदस्यता त्याग रही हूं, साथ ही अपने पद से भी इस्तीफा दे रही हूं. उन्होंने यहा भी कहा कि हां मैं लड़की हूं और लड़ सकती हूं, और वही अब मैं कर रहीं हूं.अपने व देशवासियों के न्याय के लिए मैं निरंतर लड़ती रहूंगी.

उन्होंने ये भी कहा की मैंने हमेशा से दूसरों के न्याय के लिए हर मंच से लड़ाई लड़ी है, लेकिन जब खुद के न्याय की बात सामने आई तो पार्टी में मैंने खुद को हारा हुआ पाया। एक महिला होने के नाते मैं खुद को असहाय पाया है। 

इससे पहले अपने 30 अप्रैल के एक पोस्ट में भी राधिका खेड़ा ने लिखा था कि पुरुषवादी मानसिकता से ग्रसित लोग आज भी बेटियों को पैरों तले कुचलना चाह रहे हैं. गौरतलब है कि राधिका खेड़ा कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता के रूप में काम कर रही थीं. इके अलावा वो छत्तीसगढ़ में मीडिया कॉर्डिनेटर भी थी. उन्होंने कांग्रेस की टिकट पर दिल्ली विधानसभा का चुनाव भी लड़ा था लेकिन आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार से वो हार गई थीं.

राधिका खेड़ा ने चिट्ठी में आगे लिखा, ”मैंने जिस पार्टी को अपने 22 साल से ज्यादा दिए, जहां NSUI से लेकर AICC के मीडिया विभाग में पूरी ईमानदारी से काम किया है, आज वहां ऐसे ही तीव्र विरोध का सामना मुझे करना पड़ा है क्योंकि मैं अयोध्या में रामलल्ला के दर्शन के से खुद को रोक नहीं पाई.”

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