पटना। बिहार कैडर के दो IPS को केंद्र सरकार ने सस्पेंड कर दिया है। DGP से जालसाजी मामले में गया के एसएसपी रह चुके आदित्य कुमार को सरकार ने जहां सस्पेंड किया है। वहीं आय से अधिक संपत्ति के मामले में पूर्णिया पिछले दिनों एसपी दयाशंकर को भी निलंबित कर दिया गया है। दयाशंकर के कई ठिकानों पर छापेमारी की गयी थी, जिसमें बड़े पैमाने पर कैश और संपत्ति का दस्तावेज मिले थे। दोनों अधिकारी निलंबन की अवधि में जोनल आइजी केंद्रीय क्षेत्र, पटना से अटैच रहेंगे।

2011 बैच के अफसर आदित्य कुमार शुक्रवार को अपने परिवार के साथ भूमिगत हो गये हैं। आर्थिक अपराध इकाई की जांच टीम उनकी गिरफ्तारी में लगी है। वे अभी पुलिस महानिरीक्षक के सहायक (निरीक्षण) के पद पर कार्यरत थे। गृह विभाग ने निलंबन आदेश में कहा है कि आदित्य कुमार ने मुख्य न्यायाधीश पटना उच्च न्यायालय पटना के नाम का छद्म दुरुपयोग कर मोबाइल नंबर 9709303397 से उपयोगकर्ता (अभिषेक अग्रवाल) द्वारा डीजीपी बिहार एवं राज्य प्रशासन के वरीय प्राधिकारों को मोबाइल कॉल व वाट्सएप कॉल के माध्यम से संपर्क किया था।


वहीं अवैध संपत्ति मामले में पूर्णिया के एसपी दयाशंकर को भी सस्पेंड कर दिया गया है। 2014 बैच के आईपीएस अधिकारी दयाशंकर के खिलाफ स्पेशल विजिलेंस यूनिट (एसवीयू) ने उनके खिलाफ 10 अक्टूबर को कांड दर्ज किया था। 11 अक्टूबर को एसपी आवास सहित एक दर्जन से अधिक ठिकानों पर छापेमारी की गयी थी। एसवीयू ने कार्रवाई में आयकर विभाग की भी मदद ली थी। एसपी के ठिकानों से लाखों का कैश के अलावा करोड़ों रुपये की अवैध संपत्ति और निवेश के दस्तावेज मिले थे। दयाशंकर ने रिश्वत का पैसा लेने के लिए गनर, रीडर थानेदार को अलग- अलग जिम्मेदारी दे रखी थी।

दयाशंकर, बिहार कैडर के 2014 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। वह जगदीशपुर, भोजपुर में एसडीपीओ तथा शेखपुरा के एसपी रह चुके हैं। नियुक्ति के बाद 2016 से अब तक की उनकी पदस्थापना की उक्त अवधि के दौरान भ्रष्ट और अवैध तरीकों से अपने और आश्रितों के नाम पर 71 लाख 14 हजार 666 रुपये की संपत्ति आय के स्रोत से अधिक मिली है।

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