रांची: …ना वक्त पर एंबुलेंस आयी और ना ही पुलिस….वो तड़पता रहा…तड़पता रहा…और फिर उसकी सांसें थम गयी। लोग बीच सड़क पर चिल्लाते रहे…अरे ये मर जायेगा भाई … कैसे भी करके अस्पताल पहुंचाओ…पर ……. ये मौत सिर्फ सड़क दुर्घटना में एक घायल युवक की नहीं है सरकार…ये मौत आपके सिस्टम की है…आपके मौत आपके स्वास्थ्य व्यवस्था की है। जरा सोचिये, घायल को अस्पताल पहुंचाने की गुहार सिर्फ आम लोग नहीं लगा रहे थे, आपके ही राज्य के विधायक लंबोदर महतो भी लगा रहे थे, बावजूद 108 एंबुलेंस नहीं पहुंची…वही एंबुलेंस सिस्टम, जो समय रहते जरूरतमंदों तक पहुंचने का दावा करती है और उसके एवज में करोड़ों रुपये उस पर खर्च किये जाते हैं।  

हादसा ओरमांझी-सिकिदिरी पथ पर पझरापानी के समीप गुरुवार शाम करीब 5:30 बजे हुआ। तनवीर नाम का युवक स्कूटी से पत्नी व बच्चों को लाने ससुराल भुसुर डटमा गांव जा रहा था। इसी क्रम में वह मिनी ट्रक  की चपेट में आ गया। घटना के बाद चालक-खलासी भाग निकले. उसी दौरान गोमिया से लौट रहे विधायक डॉ लंबोदर महतो की नजर घायल पर पड़ी। विधायक ने वहीं से डायन-108 पर फोन लगाया, फिर ग्रामीण एसपी को फोन किया.

विधायक के काल के बावजूद एंबुलेंस समय पर नहीं पहुंची और ना ही पुलिस भी नहीं पहुंची। तब विधायक ने किराये के एक ऑटो से घायल को मेदांता अस्पताल पहुंचाया। विधायक भी अस्पताल पहुंचे थे, लेकिन डॉक्टरों ने तनवीर को मृत घोषित कर दिया. कुछ देर के बाद पुलिस घटनास्थल और फिर अस्पताल पहुंची।

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