बैंग्लोर। कर्नाटक कैडर की आईएएस रोहिणी सिंधुरी और आईपीएस डी रूपा मोदगिल को लेकर एक बार फिर खूब चर्चाएं हो रही है। दोनों उस वक्त पिछले दिनों सुर्खियों में आ गयी थी, जब दोनों ने एक दूसरे पर भद्दे-भद्दे आरोप लगाये थे। इस मामले में कोर्ट तक बातें पहुंची थी। विवाद गहराने के बाद कर्नाटक सरकार ने दोनों को पदों से हटा दिया था. लेकिन नई पोस्टिंग नहीं दी थी।

आपको बता दें कि जिस वक्त विवाद हुआ था, उस वक्त आईएएस सिंधुरी हिंदू धार्मिक और धर्मार्थ बंतोबस्ती की कमिश्नर थीं, जबकि मौदगिल कर्नाटक राज्य हस्तशिल्प विकास निगम लिमिटेड की प्रबंध निदेशक पद पर थीं। आईपीएस डी रूपा ने रोहिणी सिंधुरी पर आरोप लगाया था कि वह अपनी निजी तस्वीरें पुरुष अधिकारियों के साथ शेयर कर रही हैं। साथ ही डी रूपा ने रोहिणी की कुछ निजी तस्वीरें सोशल मीडिया पर भी पोस्ट की थी। उन्होंने दावा किया कि ये तस्वीरें खुद रोहिणी ने तीन पुरुष आईपीएस अधिकारियों को भेजी थीं।

इसके बाद आईएएस रोहणी सिंधुरी ने डी रूपा के खिलाफ एक अधीनस्थ न्यायालय में शिकायत दर्ज की। जिसमें आरोप लगाया गया कि डी रूपा ने जबरन वसूली के इरादे से उनके निजी, सामाजिक और प्रोफेशनल जीवन को गंभीर रूप से प्रभावित किया। इसके बदले उन्होंने डी रूपा से एक करोड़ रुपये मुआवजे की मांग की।

जानकारी के मुताबिक उस के बाद डी रूपा ने सिंधुरी के खिलाफ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी, जिसमें सिंधुरी की ओर से दायर मानहानिक का केस रद्द करने की मांग की गई थी, लेकिन यहां रूपा को झटका लगा. हाईकोर्ट ने रूपा की ओर से दायर याचिका को खारिज कर दिया।

आईएएस रोहिणी सिंधुरी और आईपीएस डी रूपा मोदगिल इस बार अपनी नई पोस्टिंग के चलते सुर्खियों में हैं. साल 2009 बैच की आईएएस अधिकारी रोहणी सिंधुरी को इस सप्ताह कर्नाटक गजेटियर विभाग का मुख्य संपादक नियुक्त किया गया है. जबकि 2000 बैच की आईपीएस रूप मौदगिल को आंतरिक सुरक्षा विभाग में पुलिस महानिदेशक के रूप में तैनात किया गया है। दोनों के मुद्दों पर एक बार फिर से चर्चाएं शुरू हो गयी है।

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