रक्षाबंधन शुभ मुहूर्त: राखी पर्व को लेकर केवल 2 सप्ताह का समय बचा है। लेकिन इस बार रक्षाबंधन को लेकर लोगों के बीच काफी भ्रम है। इस साल 30 और 31 अगस्त को लेकर बहनों के मन में दुविधा है कि किस दिन वह अपने भाई की कलाई पर राखी बांधेगी। 30 अगस्त पूर्णिमा है। लेकिन इसपर भद्रा का साया होने की वजह राखी बांधने का शुभ मुहूर्त अगले दिन चला जाता है। यानी 31 अगस्त की सुबह 5:36 मिनट पर पटना में सूर्योदय होगा। भाई की कलाई पर राखी बांधने के लिए केवल दो घंटे का समय मिलेगा, पंडितों के मुताबिक 5.36 मिनट से लेकर 7.46 तक शुभ मुहूर्त मना जा रहा है।

30 और 31 अगस्त को लेकर सभी लोगों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। ऐसा इसलिए क्योंकि हिंदू धर्म में मान्यता है कि यदि श्रावण पूर्णिमा पर भद्रा का साया हो तो भद्राकाल तक राखी नहीं बांधी जा सकती है। उसके समापन के बाद ही राखी बांधनी चाहिए। क्योंकि भद्रा काल में राखी बांधना अशुभ माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि रावण की बहन सूपनखा ने भद्राकाल काल में रावण को राखी बांधी थी।

बनारसी पंचांग के अनुसार सावन शुक्ल पूर्णिमा की तिथि 30 अगस्त बुधवार की सुबह 10:13 बजे से शुरू हो रही है, लेकिन भद्रा भी उसी समय से आरंभ हो रहा है, जो रात्रि 08:57 बजे खत्म होगा। 31 अगस्त गुरुवार को प्रातः 07:46 बजे तक पूर्णिमा तिथि रहेगी। इसीलिए बनारसी पंचांग के हिसाब से 30 अगस्त की रात्रि में भद्रा समाप्ति के बाद से 31 अगस्त की सुबह पूर्णिमा की तिथि तक राखी बांधी जाएगी।

जबकि मिथिला पंचांग के मुताबिक 30 अगस्त बुधवार को चतुर्दशी तिथि सुबह 10:19 बजे तक रहेगी तथा सूर्योदय भी चतुर्दशी में हो हो रहा है। इसीलिए इसे उदयातिथि के अनुसार चतुर्दशी ही माना जायेगा।

इसके अलावे 31 अगस्त गुरुवार का सूर्योदय पूर्णिमा तिथि में हो रही है तथा सुबह 07:52 बजे तक पूर्णिमा की तिथि विद्यमान रहेगी। शास्त्रीय मतानुसार यदि दिन में शुभता मिल रही हो तो यथासंभव रात्रिकाल में निषेध करना उचित होता है। इसीलिए उदयातिथि के मान से 31 अगस्त को ही पूरे दिन रक्षाबंधन का पावन पर्व मनाया जाएगा।

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