Sameer Oraon Biography In hindi: भाजपा ने झारखंड में दो सीटिंग सांसदों के टिकट काटे हैं। हजारीबाग से जयंत सिन्हा और लोहरदगा से सुदर्शन भगत को टिकट नहीं मिला है। हालांकि जयंत सिन्हा ने खुद ही चुनाव नहीं लड़ने की इच्छा जतायी थी। जयंत सिन्हा की जगह हजारीबाग सदर के विधायक मनीष जायसवाल को उम्मीदवार बनाया गया है। वहीं लोहरदगा से सुदर्शन भगत की जगह राज्यसभा सांसद समीर उरांव को टिकट दिया गया है। गुमला के बिशुनपुर करमटोली निवासी किसान पुत्र सह सांसद समीर उरांव को भारतीय जनता पार्टी के अनुसूचित जनजाति मोर्चा का राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रह चुके हैं।
समीर के व्यक्तित्व, उनका सादा जीवन, उच्च विचार, साथ ही पार्टी के प्रति सकारात्मक सोच व ईमानदारी पूर्वक कार्य करने के कारण उन्हें क्षेत्र में काफी लोकप्रियता मिली है। समीर उरांव की साफ छवि के कारण ही उन्हें राज्यसभा सांसद का सदस्य के रूप में सदन में जगह मिली था। समीर का जीवन पूरी तरह से जमीन से जुड़ा हुआ है।
जब भी समय मिलता है।वे खेत पर हल व कुदाल लेकर पहुंच जाते है। उन्होंने इलाके में आदिम जनजाति आदिवासी समुदाय के हक और अधिकार के लिए लंबे समय से लड़ाई लड़ते हुए राजनीति में कदम रखा था। भजपा कार्यकर्ताओं ने समीर के नेतृत्व में पूरे देश के अनुसूचित जनजाति की मजबूत का भरोसा जताया है।
समीर उरांव का जीवन परिचय
नाम – समीर उरांव
दल: भारतीय जनता पार्टी
पिता का नाम: श्री जोखना उराँव
मां का नाम: श्रीमती बिप्तो उराँव
जीवनसाथी का नाम: श्रीमती सुशीला उराँव
स्थायी पता: एटी एंड पीओ – बिशुनपुर, करमटोली, जिला-गुमला, झारखंड। 835231
जानिये क्यों कटा सुदर्शन भगत का टिकट
सुदर्शन भगत तीन बार लोहरदगा से सांसद रहे। हालांकि उनकी जीत का अंतर काफी होता था। भाजपा इस बार 400 पार का नारा दे रही है, लिहाजा सुदर्शन भगत का टिकट काटने का फैसला लिया गया है। तीनों बार सुदर्शन भगत 10 हजार से कम अंतर से चुनाव जीते हैं। 2014 के मोदी लहर के बावजूद सुदर्शन भगत ने रामेश्वर उरांव को महज 6000 वोटों से हरा पाये थे। सुदर्शन भगत की स्थिति इस बार क्षेत्र में अच्छी नहीं दिख रही थी, लिहाजा पार्टी ने उनका टिकट काटने का फैसला लिया है। हालांकि समीर उरांव की स्थिति भी बहुत ज्यादा बेहतर नहीं है। पार्टी के अंदर कई दावेदार थे, लिहाजा खींचतान पार्टी के भीतर देखने को मिल सकती है।
2019 में जिन दो सीटों पर बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा था, वहां भी उम्मीदवार बदले गए हैं. राजमहल से पिछली बार हेमलाल मुर्मू बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़े थे, लेकिन अब वे जेएमएम में शामिल हो चुके हैं. वहीं सिंहभूम से 2019 में लक्ष्मण गिलुआ चुनाव लड़े थे, यहां से उम्मीदवार बदला गया है, लक्ष्मण गिलुआ का निधन हो चुका है.
शैक्षणिक योग्यता: इंटरमीडिएट (कला) की शिक्षा बिहार इंटरमीडिएट शिक्षा परिषद, रांची, झारखंड से हुई