कोडरमा। जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय में एक महिला शिक्षिका अपने दुधमुंहे बच्ची के साथ धरने पर बैठ गयी। 5 माह की बच्ची के साथ धरने पर शिक्षिका के बैठने की खबर पर प्रशासनिक गलियारे में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया। दरअसल शिक्षिका का कहना है कि उन्हें मूल विद्यालय यूपीजी प्लस टू उच्च विद्यालय ढाब में फिर से तबादला कर दिया जाय। अभी उन्हें प्रतिनियुक्ति पर आरके प्लस टू उच्च विद्यालय, लदबेदवा में पोस्टेड किया गया है।

इस बाबत उपायुक्त कार्यालय से डीईओ ऑफिस पत्र जारी किया गया, लेकिन इसके बावजूद शिक्षिका का तबादला पूर्व के स्कूल में नहीं किया गया। बहुत बार डीईओ ऑफिस का चक्कर लगाने के बाद भी इस दिशा में कदम नहीं उठाया गया तो शिक्षिका बेबी सिंह महापात्रा धरने पर बैठ गई। इसे लेकर उपायुक्त आदित्य रंजन से मिलकर आवेदन भी दिया था, जिसके बाद उपायुक्त ने गत 21 दिसंबर को ही आदेश के जरिये डीईओ को डेपुटेशन समाप्त करने को कहा था और शिक्षक की मजबूरी को देखते हुए उसके मूल विद्यालय ढाब भेजने का आदेश जिला शिक्षा पदाधिकारी को दिया था।

जानकारी के अनुसार शिक्षक पहले यू पी जी प्लस टू उच्च विद्यालय ढाब में पढ़ाती थी, जहां उसकी वहां के प्रधानाध्यापक के साथ अनबन हुई थी. आरोप है कि शिक्षक के साथ प्रधानाध्यापक का आचरण अच्छा नहीं था. इस कारण इन्होंने शिकायत की और उसी आधार पर दोनों यानि प्रधानाध्यापक और शिक्षक को अलग-अलग जगह पर प्रतिनियोजित कर दिया गया। शिक्षिका का कहना है कि जब प्रधानाध्यापक को वहां से हटा दिया गया है तो मुझे मूल विद्यालय में फिर से भेज दिया जाए। इधर जिला शिक्षा पदाधिकारी ने शिक्षिका के ऐसे कृत्य को गलत बताया है। डीएसई ने कहा कि धरना देना गलत है। हर काम की एक प्रक्रिया होती है।

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