देवघर । सावन के महीने में मंदिर के बनाए नियम की तोड़ने वाला एक वीडियो वायरल हुआ है। जिसके बाद धर्म धर्मरक्षिणी सभा के महामंत्री कार्तिकनाथ ठाकुर ने अपने फेसबुक पर एक वीडियो जारी कर सिस्टम पर सवाल खड़े कर दिए हैं. उन्होंने जो वीडियों जारी किया है, उसमें झारखंड के सीनियर आईएएस मनीष रंजन बाबा की स्पर्श पूजा करते नजर आ रहे हैं. गर्भगृह में अन्य लोग भी खड़े नजर आ रहे हैं. उन्होंने लिखा है कि “ये कौन हैं? किसी अनुमति और सहमति से स्पर्श पूजा कर रहे हैं.

मंदिर की परंपरा भंग कर सुबह सवा तीन बजे श्रृंगार हुआ. साढ़े तीन बजे सबेरे भोग लगा. इसके जिम्मेवार कौन. कड़ी कार्रवाई हो. मंदिर प्रबंधक, महाप्रबंधक, उप प्रबंधक सभी को बर्खास्त करें”. मालूम हो की सावन का महीना चल रहा है. इस दौरान देवघर के बाबा मंदिर में स्पर्श पूजा पर पूरी तरह से रोक है. वीआईपी हों या आम भक्त, गर्भ गृह में जाकर स्पर्श पूजा करने की मनाही है. भक्तों की भारी संख्या को देखते हुए पूरे सावन माह में अरघा के जरिए बाबा भोलेनाथ पर जलार्पण होता है।

क्या कहते है डीसी

गंभीर सवाल पर देवघर डीसी विशाल सागर का कहना है कि उन्हें ऐसे किसी भी वीडियों की जानकारी नहीं मिली है. सावन में कोई भक्त बाबा मंदिर में स्पर्श पूजा कर सकता है के जवाब में उन्होंने कहना है कि पूरे सावन माह में स्पर्श पूजा पर रोक है. अगर ऐसा कुछ हुआ है तो वह जांच के बाद ही कुछ कह पाएंगे.

क्यों है देवघर का महत्व

देश के बारह ज्योतिर्लिंगों में एक ज्योतिर्लिंग देवघर में है. इनको रावणेश्वर और कामना ज्योतिर्लिंग के रूप में जाना जाता है. मान्यता है कि सावन माह में देवघर के भोलेनाथ पर जलार्पण से मनोकामनाएं पूरी होती हैं. यहां लोग सुल्तानगंज से गंगाजल लेते हैं और पैदल सफर तय कर अर्घा के जरिए जलार्पण करते हैं.

पूरे सावन माह के दौरान देश-दुनिया के अलग-अलग हिस्सों से लाखों की संख्या में श्रद्धालु देवघर पहुंचते हैं. लिहाजा, भीड़ की व्यवस्था को संभालने के लिए अर्घा सिस्टम लगा दिया जाता है. इसके बावजूद स्पर्श पूजा से न सिर्फ विवाद खड़ा हो गया है बल्कि पूरा सिस्टम सवालों के घेरे में आ गया है.

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