रांची। धरती के भगवान कहे जाने वाले डॉक्टर का एक लापरवाही के कारण एक व्यक्ति की मौत का मामला सामने आया है।मामला राजधानी रांची रेलवे स्टेशन का है। रविवार को समय पर इलाज की व्यवस्था नहीं हो पाने के कारण एक यात्री की तड़प तड़प कर मौत हो गयी. घटना के बाद रेलवे की नाकामी की चर्चा हर ओर हो रही है।

क्या है मामला

मृतक की पहचान इंद्रदेव सिंह (51, निवासी-फुलवारी शरीफ, पटना) के रूप में हुई है. वह अपनी पत्नी रेखा देवी के साथ राउरकेला जाने के लिए रांची रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर-2 पर एलेप्पी ट्रेन का इंतजार कर रहे थे. बताया जाता है कि प्लेटफॉर्म पर खड़े इंद्रदेव सिंह को दोपहर 3:30 बजे अचानक चक्कर आया और वह गिर पड़े.

उनकी पत्नी ने सहायता के लिए आरपीएफ जवान और अन्य लोगों को आवाज लगायी. आरपीएफ जवान दौड़कर वहां पहुंचे. जवानों ने उनके सीने में पंपिंग की, साथ ही तत्काल रेलवे के चिकित्सकों को सूचित किया. आरपीएफ के जवान चिकित्सक के आने का इंतजार करने लगे. उस समय स्टेशन पर न तो स्ट्रेचर था, न ही यात्री को नजदीकी अस्पताल में ले जाने के लिए कोई एंबुलेंस.

उद्घोषणा कर स्टेशन पर मौजूद ऑटो रिक्शा को बुलाया गया. इस बीच डॉ संजीव कुमार शाम 4:30 बजे स्टेशन पहुंचे और यात्री को देखने के बाद उसे मृत घोषित कर दिया. रांची रेलवे स्टेशन पर पूर्व में एंबुलेंस की सुविधा बहाल की गयी थी. पूरे तामझाम के साथ रेल प्रबंधन व सांसद ने इसका उद्घाटन किया था, लेकिन अब इसकी सुविधा यात्रियों को नहीं मिल रही है.

रेलवे की लापरवाही आई सामने

रांची स्टेशन पर यात्री इंद्रदेव सिंह की तबीयत दोपहर 3:00 बजे खराब हुई थी. वहीं, स्टेशन से महज 50 मीटर की दूरी पर रहने वाले चिकित्सक को स्टेशन आने में एक घंटे का समय लग गया. वह शाम 4:30 बजे स्टेशन पहुंचे.

चिकित्सक पांच मिनट में पहुंचने की दी सफाई

चिकित्सक डॉ संजीव कुमार ने कहा कि सूचना मिलने के पांच मिनट बाद वह मौके पर पहुंच गये थे. जबकि, प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि चिकित्सक एक घंटा बाद वहां पहुंचे. तब तक यात्री की मौत हो चुकी थी.जबकि प्रत्यक्ष दर्शियों ने कहा की चिकित्सक 1 घंटे बाद पहुंचे थे।

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