कटनी। अब तक तो आपने सुना होगा कि घुस खाये जाते हैं, लेकिन वाकई में घूस खा लिये भी जाते हैं, ऐसा दुनिया में पहली बार हुआ होगा। जहां एक घूसखोर छापेमार टीम से बचने केलिए 500-500 के नोट ही खा गया। हद तो तब हो गयी, जब विजिलेंस की टीम घंटों से उसके मुंह से नोट निकलवाने का प्रयास करती रही, लेकिन नोट नहीं निकलवा पायी।

पूरा मामला कटनी जिले की बिलहरी का है. जहां आज लोकायुक्त की टीम ने रिश्वत लेते हुए एक पटवारी को पकड़ा है. लोकायुक्त के अधिकारी कमलकांत उईके ने बताया कि चंदन सिंह ने शिकायत की थी कि जमीन के सीमांकन करने की एवज में पटवारी गजेंद्र सिंह 5000 रुपये की रिश्वत मांग रहा है. आज लोकायुक्त की टीम ने रिश्वत लेते ही पटवारी को पकड़ा वैसे ही पटवारी ने रुपयों को अपने मुंह में डाल लिया और चबाकर अंदर निगल लिया है।

लोकायुक्त जबलपुर की टीम ने पटवारी गजेन्द्र सिंह को रिश्वत लेते दबोच लिया। लेकिन जब तक टीम पटवारी के कब्जे से रुपये जब्त कर पाती, पटवारी ने एक झटके में 500 के 9 नोट निगल लिए। लोकायुक्त टीम के एक सदस्य ने जब उसके मुंह से रुपये निकलवाने की कोशिश की तो पटवारी ने उसकी उंगली ही काट ली। इसके बाद पटवारी को जिला अस्पताल लाया गया, यहां टीम दो घंटे तक पटवारी के पेट से नोट निकलवाने का प्रयास करती रही।

काफी मशक्कत के बाद भी लोकायुक्त को रिश्वत के नोटों कुछ टुकड़े ही मुंह से निकाल पायी। जानकारी के मुताबिक बड़खेरा निवासी चंदन लोधी ने अपने दादा के नाम पर जमीन का सीमांकन कराने के लिए आवेदन किया था। पटवारी गजेन्द्र सिंह ने इस काम के लिए 5 हजार रुपये की रिश्वत मांगी। चंदन लोधी ने जबलपुर में लोकायुक्त एसपी संजय साहू को मामले की लिखित शिकायत कर दी। पटवारी ने बिलहरी स्थित अपने निजी ऑफिस में जैसे ही रिश्वत की रकम ली, ट्रैप बिछाकर बैठी लोकायुक्त टीम ने उसे पकड़ लिया।

ये देख पटवारी ने रिश्वत की रकम खा ली। एक भी नोट लोकायुक्त के हाथ नहीं लगे। लोकायुक्त की टीम दंग रह गई। आनन-फानन में पटवारी को लेकर कटनी जिला चिकित्सालय पहुंची जहा डॉक्टर पटवारी के पेट से रिश्वत की राशि निकलवाने की कोशिश की. बाद में डॉक्टर बमुश्किल नोटों की लुगदी ही लोकायुक्त टीम को दे पाए। लोकायुक्त ने पटवारी को गिरफ्तार कर लिया है।

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