रायपुर। औरतों की पहचान बाल से होती है, उसकी सुंदरता बाल बढ़ाती है…लेकिन वही महिला जब सरेराह अपना मुंडन कराने लगे, तो इससे बड़ा हृदयविदारक नजारा और कुछ और नहीं सकता है। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में एक ऐसा ही मामला सामने आया है, जिसने पूरे प्रदेश को हिलाकर रख दिया। दरअसल जिन महिलाओं ने मुंडन कराया, वो महिलाएं शिक्षक की विधवाएं हैं, जो सरकार से अनुकंपा नियुक्ति की मांग कर रही है। करीब 150 दिनों के आंदोलन के बाद भी सरकार ने इनकी मांगों को अब तक नहीं माना है, जिसके बाद महिलाओं ने सोमवार को अपना मुंडन कराकर विरोध जताया।

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अनुकंपा नियुक्ति शिक्षाकर्मी कल्याण संघ की महिलाओं ने सोमवार को बालों का मुंडन करके विरोध प्रदर्शन किया। गौरतलब है कि पिछले चार महीने से दिवंगत कर्मचारियों के परिजन अनुकंपा नियुक्ति के लिए बूढ़ा तालाब में धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। संघ की प्रदेश अध्यक्ष माधुरी मृगे ने बताया कि संघ की सदस्य शांति साहू ने बालों का मुंडन कराकर विरोध जताया है। 20 अक्टूबर से हम लगातार धरना प्रदर्शन कर रहे है, लेकिन हमारी बात सुनने वाला कोई नहीं है। हमारी आर्थिक हालात बिल्कुल जर्जर हो चुकी है, हमारे सामने परिवार चलाने का संकट है। हम सरकार से प्रार्थना करते है कि योग्यता के अनुसार दिवंगत कर्मचारियों के आश्रितों व परिजनों को अनुकंपा नियुक्ति दी जाए।

संघ की प्रदेश अध्यक्ष माधुरी मृगे ने बताया कि सितंबर 2021 में मुख्यमंत्री की घोषणानुसार सामान्य प्रशासन विभाग तीन सदस्यीय समिति का गठन किया था। समिति को एक महीने में रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया था। लेकिन 16 महीने बीत जाने के बाद भी अभी तक कोई रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गई है। पंचायत और नगरीय निकाय में कार्यरत शिक्षकों को रमन सिंह की सरकार में 2018 संविलियन कर दिया गया था। इसके पूर्व जिन शिक्षकों की मौत हो गई थी, उनके परिजनों को स्थायी कर्मचारी न मानते हुए अनुकंपा नियुक्ति नहीं दे रही है। लेकिन 2018 के बाद के शिक्षकों के परिजनों को अनुकंपा नियुक्ति मिल रही है। संघ की मांग है कि हमारे पिता या पति जिंदा होते तो उनका भी संविलियन होता, इस आधार पर हमें अनुकंपा नियुक्ति दी जाए। संगठन पिछले कई सालों से अनुकंपा नियुक्ति के लिए संघर्ष कर रहा है।

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