रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री कॉलेज में एडमिशन लेना चाहते हैं। अपने पढ़ने की चाहत उन्होंने खुद कालेज की छात्र-छात्राओं के बीच साझा की। मुख्यमंत्री ने दुर्ग जिले के हेमचंद यादव यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में पहुंचे थे, इस दौरान उन्होंने अपनी चाहत को छात्र-छात्राओं के बीच बयां भी किया और उनसे राय भी मांगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि पोस्ट ग्रेजुएट की पढ़ाई पूरी करना चाहते हैं।

दरअसल मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पीजी में दाखिला तो लिया, लेकिन फाइनल एग्जाम नहीं दे सके। छात्र राजनीति में सक्रिय होने की वजह से वो पीजी की पढ़ाई नहीं कर सके, लिहाजा अब वो अपनी अधूरी पीजी की पढ़ाई को पूरा करना चाहते हैं। मुख्यमंत्री ने दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि ..

मैं एक बात सभी छात्र छात्राओं से शेयर करना चाहता हूं, कि मेरा पीजी पूरा नहीं हुआ है। डॉ ओमप्रकाश जी बैठे हैं, वहीं मेरा फार्म भर देते थे। दूसरे साल की परीक्षा देने नहीं गया। प्रीवियस तो कर लिया, लेकिन फाइनल ईयर की परीक्षा नहीं दी। लेकिन अब सोचता हूं कि पीजी कर ही लूं। कर लूं… लेकिन डर इस बात का है कि नंबर कम आया, तो आपलोग क्या बोलेंगे। ये भी डर बना हुआ है, नंबर कम आया…मुख्यमंत्री परीक्षा देने जाये तो अच्छी बात है, यदि परीक्षा में नंबर कम आया तो मुश्किल होगी। ठीक है ना… बताओ क्या करना चाहिये..

मुख्यमंत्री जब ये संवाद छात्र-छात्राओँ से कर रहे थे, तो नीचे बैठे छात्र-छात्राएं उनसे यही कह रहे थे, कि पीजी की पढ़ाई उन्हें पूरी करनी चाहिये। मुख्यमंत्री ने जिस अंदाज में ये पूरी बातें बच्चों की बीच कही, लगता है कि जल्द ही मुख्यमत्री पढ़ाई की दुनिया लौट सकते हैं। आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ सरकार ने कालेज-विश्वविद्यालयों में प्रवेश लेने की अधिकतम आयुसीमा समाप्त कर दी है। जाहिर है मुख्यमंत्री के लिए भी उम्र की अड़चने तो खत्म हो गयी है। लिहाजा अगर वो आने वाले दिनों में एडमिशन ले लें, तो कोई हैरत की बात नहीं होगी।

उम्र सीमा हटाने के बाद यहां विद्यार्थियों संख्या 48 प्रतिशत बढ़ गई। दिलचस्प यह है कि प्रदेश में उच्च शिक्षा तक पहुंचने वाली बेटियों की संख्या बेटों से 61 प्रतिशत अधिक हो गई है। वर्ष 2018-19 में 91,982 छात्रों की तुलना में 1,34,391 छात्राओं ने कालेज में दाखिला लिया था। 2022-23 में छात्रों की संख्या 1,28,310 और छात्राओं की संख्या 2,06,829 हो गई है। छात्रों की तुलना में छात्राओं का संख्या 61 प्रतिशत अधिक है। छत्तीसगढ़ में वर्ष 2018 में सकल नामांकन दर 15 प्रतिशत थी जो बढ़कर 19.2 प्रतिशत हो गई है। उत्तराखंड 45.7 प्रतिशत, केरल 43.2, चंडीगढ़, पुडुचेरी और दिल्ली में सबसे ज्यादा 66.1, 60.8 और 47.6 प्रतिशत है।

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