दीवार घड़ी घर के लिए एक आवश्यक वस्तु भी है। दूर से समय देखने के कारण अक्सर लोग घरों में कई स्थानों पर इसे लगा लेते हैं ताकि सारे काम समय से करते रहें। वास्तु शास्त्र के अनुसार दीवार घड़ी लगाने के भी नियम हैं और इनका पालन करने से स्वतः ही चीजें ठीक होने लगती हैं, रुकी हुई प्रगति टिक-टिक कर आगे बढ़ने लगती है। सही दिशा में घड़ी लगाकर जीवन में बहुत कुछ हासिल कर सकते हैं अन्यथा हाथ आया हुआ अवसर भी निकल जाता है. तो आइए इस लेख में सबसे पहले जानते हैं कि किस दिशा में घड़ी लगानी चाहिए।

दीवार घड़ी के लिए यह दिशा है सबसे बेहतरीन 

दीवार पर घड़ी लगाने के लिए सबसे बेहतरीन दिशा है ईशान कोण यानी नॉर्थ ईस्ट या उत्तर पूर्व। घड़ी चाहे ड्राइंग रूम में लगाएं, या बेड रूम या फिर किचन या पूजा घर में, हमेशा ईशान कोण की दिशा में लगाना सबसे अच्छा होता है. यदि ईशान कोण की दिशा में स्पेस नहीं है तो दूसरी प्राथमिकता नॉर्थ यानी उत्तर और तीसरी प्राथमिकता ईस्ट यानी पूर्व की दिशा होती है। उचित दिशा में घड़ी लगाने से उसके अंदर जो ऊर्जा यानी बैटरी के कारण होने वाली टिक-टिक से वह दिशा भी एक्टिव हो जाती है।

नॉर्थ ईस्ट दिशा से मिलती है इज्जत और शोहरत 

नॉर्थ ईस्ट दिशा से मान-सम्मान, यश-इज्जत, प्रॉस्पेरिटी आदि प्राप्त होती है यानी सभी लोग आपका गुणगान करते हैं जबकि नॉर्थ यानी उत्तर की दिशा धन देती है, करियर की रुकावटों को दूर करती है। यदि प्रमोशन रुका है या किन्हीं कारणों से जॉब रुका है, व्यापार करते हैं और मार्केट में पैसे रुके हैं तो यह रुकावटें दूर होती हैं और उनकी प्राप्ति होती है। पूर्व यानी ईस्ट की दिशा रिश्ते देती है. इस दिशा से मान सम्मान मिलता है, बच्चों की शिक्षा की बाधा दूर होती है और परिवार का हेल्थ सेक्टर ठीक होता है।

इस दिशा में भूलकर भी न लगाएं घड़ी

दक्षिण पश्चिम व दक्षिण की दीवार पर घड़ी भूलकर भी नहीं लगाना चाहिए। घर के दरवाजे की चौखट के ऊपर भी वॉल क्लॉक नहीं लगाना चाहिए। चौखट के ऊपर घड़ी लगाने का अर्थ है कि घर के लोगों के जाने का वक्त आ गया है, ऐसे में जल्द ही कोई अशुभ समाचार मिलता है. सेल खत्म होने से घड़ी का रुकना भी बुरा संकेत है, ऐसा होने पर आपका वक्त आते आते रुक जाता है।

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