रांची । केंद्र शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने झारखंड सरकार की गलत नीतियों को शिक्षकों के 90 हजार से अधिक रिक्त पदों के लिए जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि झारखंड में शिक्षकों की काफी कमी है। शिक्षकों की कमी से स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही है। केंद्र शिक्षा राज्यमंत्री ने गुरुवार को राज्य के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की। शिक्षा मंत्री ने मुख्यतः केंद्र प्रायोजित योजनाओं की समीक्षा की। बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए शिक्षा मंत्री ने कहा कि झारखंड में शिक्षा के विकास में सबसे बड़ी बाधा शिक्षकों की कमी है। रिक्त पदों के लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि इसी गलत नीतियों के कारण तमाम बहाली फंसी हुई है।

राज्य में शिक्षकों की कुल 90000 पद रिक्त हैं। उन्होंने कहा कि इनमें से 74000 पद तो केवल प्राथमिक स्कूलों में ही रिक्त हैं। ऐसे में राज्य में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की उम्मीद नहीं की जा सकती। उन्होंने बताया कि अधिकारियों द्वारा जानकारी दी गई है की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की गई है। प्राथमिक विद्यालय में 50000 पद सृजित किया गया है। प्लस टू स्कूलों में 3000 शिक्षकों की नियुक्ति के लिए आवेदन जमा लिया जा रहा है।

शिक्षा मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने इच्छाशक्ति कमी है। राज्य सरकार केवल पूर्ववर्ती सरकार द्वारा किए गए कार्यों पर रोक लगा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार ने बिना नई स्थाई नीति बनाए पहले की सरकार की नीति को वापस ले लिया इससे राज्य में नियुक्ति प्रभावित होगी। इस वजह से आज राज्य की सभी बहालिया कोर्ट चली जा रही हैं। यह राज्य के विकास तथा यहां के बच्चों एवं युवाओं के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है।

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