झारखंड में पेट्रोल-डीजल की कीमत का पूरा गणित समझिये, नये साल के पहले सप्ताह में लग सकती है मुहर, उधर झारखंड की राजनीति भी हुई गरम

Understand the complete mathematics of the price of petrol and diesel in Jharkhand, it can be approved in the first week of the new year, on the other hand the politics of Jharkhand also got heated.

Jharkhand Petrol Diesel Price : नये साल के पहले सप्ताह में महंगाई का बड़ा झटका झारखंड के लोगों को लगने वाला है। अगर वाणिज्य कर विभाग के प्रस्ताव पर मुहर लगी तो झारखंड में 100 के पास पेट्रोल का रेट चला जायेगा। झारखंड सरकार मंईया सम्मान योजना की भारपाई लोगों के जेब करने की पूरी तैयारी कर ली है। जानकारी के मुताबिक नये साल के पहले सप्ताह में कैबिनेट की बैठक होगी, जिसमें इस फैसले पर मुहर लग जायेगी।

 

300-400 करोड़ की कमाई का प्रस्ताव तैयार

वाणिज्य कर विभाग ने इसे लेकर प्रस्ताव तैयार कर लिया है। विभाग के प्रस्ताव की बात करें तो सरकार सेस के रूप में अतिरिक्त राशि पेट्रोल पर वसूलेगी। दावा है कि अगर पेंट्रोल-डीजल पर सेस लगा तो करीब 300 से 400 करोड़ की अतिरिक्त कमाई सरकार कर लेगी, जिससे काफी हद तक मंईया सम्मान योजना की भारपायी हो सकेगी। हालांकि 18 हजार करोड़ की राशि जुटाने में ये राशि नाकाफी दिख रही है, लेकिन जानकारी मिल रही है कि अन्य विभागों से भी इसी तरह राजस्व बढ़ाने के प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है, जिसका मुर्तरूप आने वाले सालों में दिख सकता है।

 

टैक्स का गणित समझिये

अभी अगर पेट्रोल डीजल पर टैक्स की बात करें तो झारखंड सरकार 22 फीसदी वैट की वसूली करती है। अगर रुपये में देखे तो ये राशि 17 रुपये के आसपास है। वहीं डीजल की बात करें तो करीब 12.50 रुपये प्रति लीटर वसूला जा रहा है। जाहिर है अगर सेस के तीन रुपये जोड़ दिये जाये तो ये जुड़कर पेट्रोल 100 रुपये से पार हो जायेगा, जबकि डीजल 95 रुपये से ज्यादा हो जायेगा।

 

झारखंड की राजनीति गरमायी

इधर झारखंड में राजनीति भी इस मामले में गरमा गयी है। भाजपा ने सरकार पर इसे लेकर जमकर निशाना साधा है। पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि राज्य में पेट्रोल डीज़ल के दामों में सेस लगाकर 2 से 3 रुपये प्रति लीटर बढ़ोतरी की तैयारी चल रही है। मुख्यमंत्री द्वारा राजस्व बढ़ाने के निर्देश के बाद अधिकारी जनता के पॉकेट पर बोझ लादकर सरकारी खज़ाना भरने का प्रयास कर रहे हैं। हेमंत जी, यह जनविरोधी फैसला तत्काल वापस लें क्योंकि इससे रोजमर्रा की चीजों में काफी महंगाई आ सकती है।

 

आपके इस बेतुके निर्णय का आम जनजीवन में बुरा असर पड़ेगा। पहले बिजली दर में बढ़ोतरी का प्रस्ताव और अब पेट्रोल डीज़ल के दामों में बढ़ोतरी के संकेत को देखकर जनता समझ चुकी है कि आपने अव्यवहारिक चुनावी वादे कर उनके साथ कितना बड़ा छल किया है। राजस्व बढ़ाने के लिए छटपटाहट में लिया जा रहा आपका निर्णय जनता में भारी असंतोष पैदा कर रहा है।

 

उम्मीद है सारे जनप्रतिनिधि भी राजनीति से ऊपर उठकर आम जनजीवन पर दुष्प्रभाव डालने वाले इस निर्णय को वापस कराने की पहल करेंगे।पूर्व नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी ने कहा है कि झारखंड सरकार की नीति स्पष्ट है: इधर से लेना है, उधर बांटना है ! वित्तीय प्रबंधन में असमर्थ झामुमो-कांग्रेस-राजद सरकार ने अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया है।

Related Articles

close