दुमका । उपराजधानी दुमका में पुरजोर विरोध के बावजूद शुरू किया गया कोयला रैक नहीं हटाने पर आंदोलन की चेतावनी दी गई। यह अब और तेज होने की संभावना है। दरअसल इस आंदोलन में छात्र नेता अमन राज की भी एंट्री हो गई है। सोमवार को सिविल सोसायटी के अध्यक्ष राधेश्याम वर्मा और सचिव संदीप कुमार जय उर्फ बमबम के साथ छात्र नेता और सामाजिक कार्यकर्ता अमन राज ने स्टेशन प्रबंधक के माध्यम से देश के प्रधानमंत्री , राष्ट्रपति, वन एवं पर्यावरण मंत्री के साथ रेलवे के वरिष्ठ पदाधिकारियों और जिला प्रशासन के अधिकारियों को 31 दिसंबर तक कोयला रैक बंद करने की मांग की है।

सोसायटी के अध्यक्ष राधेश्याम वर्मा और सचिव संदीप कुमार जय उर्फ बमबम के साथ अमन राज ने कहा कि रेलवे छात्र हित के साथ आम जनता के स्वास्थ्य का हित ध्यान में रखते हुए कोयला रैक बंद करें अन्यथा यहां एक बड़ा आंदोलन शुरू किया जाएगा। नेता द्वय ने कहा कि दुमका की आम जनता कोयला रैक से होने वाले प्रदुषण से काफी प्रभावित हो रही है, वायु प्रदुषण से गंभीर बिमारी का खतरा बना हुआ है। इस मामले में यहां के स्थानीय सांसद और विधायक की चुप्पी भी सवाल खड़े कर रही है कि आखिर क्या मजबूरी है, उनकी चुप्पी साधने का ?

श्री वर्मा के साथ श्री बमबम और अमन राज ने कहा कि रेलवे दुमका की जनता के स्वास्थ्य की चिंता नहीं बल्कि अपना लाभ देख रही है । उन्होंने कहा कि स्टेशन परिसर में बैठने लायक जगह नहीं है पर पदाधिकारी का ध्यान इधर नहीं जा रहा है। प्रधानमंत्री के स्वच्छता अभियान की खिल्ली उड़ायी जा रही है। इससे साफ जाहिर होता है कि रेलवे प्रधानमंत्री के स्वचछता अभियान में ही ग्रहण लगा रहा है।

जिला प्रशासन के साथ केन्द्र भी चुप है। यहां बताते चलें कि दुमका नेतुर पहाड़ी का एंटी क्वालिटी इंडेक्स खतरे के निशान को पार कर गया है । सबसे बड़ा सवाल तो यह है कि कोयला ढुलाई के लिए सीओटी किस आधार पर दिया जा रहा है। सारे गतिविधियों पर नजर डालें तो कहीं न कहीं दाल में काला नजर आता है। अन्यथा इतना प्रदुषण के बाद भी सीओटी मिलना समझ से परे है। ज्ञापन सौंपने वालों में राहुल ओझा , श्रषिदेव और अन्य छात्र उपस्थित थे।

हर खबर आप तक सबसे सच्ची और सबसे पक्की पहुंचे। ब्रेकिंग खबरें, फिर चाहे वो राजनीति...