रांची। सोमवार का दिन बेहद खास है। सावन सोमवारी के साथ-साथ आज नागपंचमी भी है। आस्था है कि इस दिन नागों की पूजा से शिव खुश होते हैं लेकिन कुछ खास नियमों का पालन जरुर करें, नहीं तो आने वाली कई पीढ़ियों को इसका हरजाना भुगतना पड़ता है। नाग पंचमी के दिन घर के बाहर मुख्य द्वार पर गाय के गोबर से सर्प की आकृति बनाकर उसपर दूर्वा लगाएं. मान्यता है इससे सर्प घर में प्रवेश नहीं करते और बुरी शक्तियों का नाश होता है. साथ ही आर्थिक लाभ देता है।

भूलकर भी इस दिन सांप को परेशान न करें. इससे कालसर्प दोष लगता है। इस दिन धान का लावा भी नाग देवता को चढ़ाना चाहिए। नाग पंचमी की पूजा में नीम, खीरा, नींबू, दही और चावल को मिलाकर एक विशेष पकवान बनाकर नाग और कुल देवी देवता को अर्पण करें। इसके बाद इस प्रसाद को ग्रहण करें, इससे निरोगी रहने आशीर्वाद मिलता है। नाग पंचमी पर नागों की स्वतंत्र पूजा ना करें, उनकी पूजा शिव जी के आभूषण के रूप में ही करनी चाहिए।

जीवित सर्प को दूध पिलाना उनके लिए खतरनाक हो सकता है, इससे उनकी जान भी जा सकती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, नाग पंचमी पर्व के दिन नाग देवता की पूजा करने से और सांपों को दूध पिलाने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। नाग देवता भगवान शिव के प्रिय गणों में से एक हैं। ऐसे में इस दिन भगवान शिव और नाग देवता की उपासना करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
नाग पंचमी 2023 तिथि
वैदिक पंचांग के अनुसार, श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि 21 अगस्त मध्य रात्रि 12 बजकर 21 मिनट से शुरू होगी और 22 अगस्त रात्रि 2 बजे समाप्त हो जाएगी। ऐसे में नाग पंचमी व्रत 21 अगस्त 2023, सोमवार के दिन रखा जाएगा। पंचांग में बताया गया है कि नाग पंचमी पर्व के दिन पूजा मुहूर्त सुबह 05 बजकर 53 मिनट से सुबह 08 बजकर 30 मिनट तक रहेगा।

नाग पंचमी पूजा विधि
श्रावण शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान-ध्यान करें और व्रत का संकल्प लें। पूजा काल में एक साफ चौकी पर नाग देवता का चित्र या मिट्टी से बने हुए सर्प की मूर्ति स्थापित करें। इसके बाद नाग देवता को हल्दी, रोली, चावल, फूल इत्यादि अर्पित करें और दूध घी व चीनी मिलाकर चढ़ाएं। इसके बाद पूजा के अंत में नाग पंचमी व्रत कथा का श्रवण करें और आरती के साथ पूजा संपन्न करें।

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