पटना। बिहार में शिक्षक नियुक्ति में बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा हो सकता है। शिक्षा विभाग को आशंका है कि कई शिक्षकों ने फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर नौकरी पायी है, लिहाजा सभी नियुक्ति पाये उम्मीदवारों की तहकीकात शुरू हो गया है। खुद एसीएस केके पाठक ने कमान संभाली है। छुट्टी के बावजूद शुक्रवार को करीब 30 शिक्षकों को डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के लिए शिक्षा विभाग बुलाया गया है। यहां पर अपर मुख्य सचिव केके पाठक भी मौजूद थे, जो वैरिफिकेशन पर नजर रख रहे थे।

दरअसल सक्षमता परीक्षा में 1 हजार 205 नियोजित शिक्षक ऐसे हैं, जो BTET, CTET और STET के रोल नंबर के हिसाब से डुप्लीकेट के रूप में चिह्नित किए गए हैं। आरोप है कि एक सर्टिफिकेट पर दो से तीन लोग नौकरी कर रहे हैं। महाशिवरात्रि और वीमेंस डे की छुट्टी के बावजूद शुक्रवार को सर्टिफिकेट की जांच होती रही।

दरअसल परीक्षा के लिए आवेदन करते समय नियोजित शिक्षकों को अपना STET, BTET, CTET का सर्टिफिकेट अपलोड करना अनिवार्य था। लेकिन विभाग ने जब सर्टिफिकेट की जांच कराई। इसमें पता चला कि STET, BTET, CTET सर्टिफिकेट पर एक से अधिक शिक्षक कई सालों के कई स्कूल में कार्यरत हैं।
विभाग से मिली गोपनीय जानकारी के अनुसार अगर जांच के दौरान शिक्षकों का सर्टिफिकेट फर्जी पाया जाता है तो ऐसे में इनकी नौकरी पर खतरा मंडरा सकता है। नौकरी तो जाएगी ही इसके साथ इन पर कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है। आपको बता दें कि यह प्रक्रिया 7 मार्च से शुरू हो गई है जो 21 मार्च तक चलेगी।

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