दुमका। झारखंड में गजब हो रहा है। डाक्टर रहते हैं गायब तो सफाई कर्मचारी का रिश्तेदार ही डाक्टर बन जाता है। अब इस मामले में जिला प्रशासन ने कार्रवाई की तैयारी की है। एक स्वास्थ्य केंद्र में सफाई कर्मी का पति डॉक्टर की गैर हाजरी में मरीजों का इलाज करता मिला। मरीजों को इंजेक्शन और दवाइयां दे रहा था। मामले का खुलासा तब हुआ, जब प्रशिक्षु आईएएस और दुमका प्रखंड विकास पदाधिकारी औचक निरीक्षण पर पहुंचे।

पूछताछ में सफाई कर्मी के पति ने बताया कि डॉक्टर साहब महीने में दो-तीन बार ही पहुंचते हैं। ऐसे में वहीं मरीजों का उपचार देता है। बताया जा रहा है कि प्रशिक्षु आईएएस सह सहायक समाहर्ता सनी राज और दुमका प्रखंड विकास पदाधिकारी राजेश कुमार सिन्हा स्वास्थ्य सेवाओं का हाल जानने के लिए पहुंचे। औचक निरीक्षण में सफाई कर्मचारी के पति को मरीजों का इलाज करते देख भौचक्के रह गए।

जांच में पाया कि स्वास्थ्य केंद्र में तैनात एक सीएचओ और 3 एएनएम में से 2 एएनएम ही केंद्र में उपस्थित थे, जबकि दो अन्य कर्मचारी अनाधिकृत रूप से केंद्र से अनुपस्थित थे। डॉक्टर और एएनएम की अनुपस्थिति में स्वास्थ्य केंद्र में कार्यरत सफाई कर्मचारी जोबाती हांसदा के पति ढेना मुर्मू मरीजों का इलाज कर रहे थे। मरीजों को दवा भी लिख रहे थे, इस बात को सफाई कर्मी के पति ढेना मुर्मू ने अधिकारियों के समक्ष स्वीकार भी किया।

इतना ही नहीं जांच करने पहुंचे प्रशिक्षु आईएएस और दुमका प्रखंड विकास पदाधिकारी ने स्वास्थ्य केंद्र के दवाई घर के भंडार पंजी का अवलोकन किया. जिसमें पता चला कि 5 अप्रैल 2022 को इस केंद्र में प्रेगनेंसी किट 550 और 8 जुलाई 2022 को 150 सीट स्वास्थ्य केंद्र को प्राप्त हुआ था. मई 2022 से लेकर अब तक कुल 57 कीट ही लाभार्थियों को इस स्वास्थ्य केंद्र से बांटा गया था।

जब अधिकारियों द्वारा बाकी कीट दिखाने को कहा गया तो उपस्थिति एएनएम रीना फ्लोरा मुर्मू और पारो जीनी मरांडी द्वारा मात्र 400 की थी कीट ही दिखला गया. बाकी किट के बारे में कड़ाई से पूछताछ करने पर एएनएम रीना फ्लोरा मुर्मू द्वारा बताया गया कि बाकी के किट और कुछ दवाइयां भी उनके घर में है।

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