रांची। झारखंड में झोलाछाप डॉक्टरों पर राज्य सरकार शिकंजा कसने की तैयारी कर रही है। स्वास्थ्य विभाग ने झोलाछाप डॉक्टरों की सक्रियता के मद्देनजर सभी जिलों के सिविल सर्जनों को निर्देश जारी किया है। स्वास्थ्य विभाग ने सभी सिविल सर्जनों को जारी अपने निर्देश में कहा है कि वो अपने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारियों की बैठक लेकर उनसे उनके क्षेत्र में सक्रिय झोलाछाप डॉक्टरों की पूरी लिस्ट मंगाये। राज्य सरकार के निर्देश के बाद अब जल्द ही बड़े पैमाने पर ग्रामीण इलाकों में चांदी काट रहे झोलाछाप डॉक्टरों पर शिकंजा कसा जाएगा।

झारखंड मैं पिछले काफी दिनों से झोलाछाप डॉक्टरों पर शिकंजा कसने की बात की जा रही है, लेकिन थोड़ी दिनों की सख्ती के बाद ना तो झोलाछाप डॉक्टरों पर कार्रवाई हो पाती है और ना ही झोलाछाप डॉक्टरों के कारोबार पर किसी तरह का अंकुश लग पाता है। हालांकि, इस बार राज्य सरकार थोड़ा सख्ती के मूड में नजर आ रही है, लिहाजा सिविल सर्जनों से लिस्ट मांगी गयी है।

जानकारी ये है कि लिस्ट मिलते ही सबंधित जिलों के प्रशासन की मदद से फर्जी डाक्टरों और झोलाछाप डाक्टरों पर कसना शुरू हो जायेगा। हालांकि, हैरानी की बात यह है कि स्वास्थ्य विभाग के पास खुद ही इस बात की पुख्ता जानकारी नहीं है कि राज्यों में कितने झोलाछाप डॉक्टर काम कर रहे हैं।

आपको बता दें कि पिछले दिनों एनएचआरसी के चेयरमैन अरुण कुमार मिश्रा ने भी झारखंड दौरे के दौरान राज्य में झोलाछाप और फर्जी डॉक्टरों के लेकर चिंता जताई थी। आपको बता दें कि कई तरह की कार्रवाई होने के बावजूद राज्य में झोलाछाप डॉक्टरों पर अंकुश नहीं लग पा रहा है, लेकिन माना जा रहा है कि राज्य सरकार इस बार काफी उग्रता के साथ झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई करने जा रही है।

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