रांची। एकलव्य विद्यालय का संचालन कौन करेगा?  झारखंड सरकार या केंद्र सरकार । झारखंड में संचालित 14 एकलव्य माडल आवसीय विद्यालय के संचालन को लेकर केंद्र और राज्य सरकार में खींचतान मची हुई है। स्कूल भवन तैयार होने और बच्चों के चयन के बावजूद अभी तक असमंजस की स्थिति बरकरार है कि आखिर एकलव्य स्कलू का संचालन कैसे होगा।

जानकारी के मुताबिक अगली कैबिनेट की बैठक में एकलव्य स्कूल के संचालन को लेकर चर्चा होगी। केंद्र से अब तक संचालन को लेकर कोई मार्गदर्शन नहीं मिला है, लिहाजा राज्य सरकार कोई वैकल्पिक व्यवस्था पर विचार कर सकती है। दरअसल एक-एक एकलव्य स्कूल में 600-600 बच्चों का दाखिला होता है। लेकिन असमंजस की स्थिति बनी होनी की वजह से स्कूलों में अब तक दाखिला नहीं हो सका है।

दरअसल झारखंड सरकार राज्य में एकलव्य स्कूल का संचालन गैर सरकारी संस्थाओं के माध्यम से कराना चाहती थी। लेकिन संचालन की प्रक्रियाओं के बीच में ही भारत सरकार ने निर्देश जारी कर कहा कि एकलव्य स्कूल का संचालन गैर सरकारी संस्थाओं को सौंपने की प्रक्रिया को स्थगित किया जाये। साथ ही भारत सरकार की अनुमति के बिना इस संबंध में कोई भी निर्णय नहीं लेने को कहा।

तब से लेकर जून माह तक राज्य सरकार ने कई बार केंद्र को पत्र लिखा, लेकिन इसका कोई जवाब नहीं आया। कई बार के पत्र के बावजूद राष्ट्रीय आदिवासी छात्र शिक्षा समिति की तरफ से इस प्रक्रिया को रद्द रखने का ही आदेश जारी किया है। स्कूल के नामांकन और सुविधाओं के बारे में भी दी जानकारी का कोई जवाब अभी तक नहीं आया है।

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