सज रही थी बिटिया की डोली, सजानी पड़ गयी पिता की अर्थी, आंधी ने उजाड़ा बेटी की मेहंदी का रंग, गम में डाक्टर पिता की मौत
भागलपुर। बिहार के भागलपुर से एक दिल दहलाने वाली खबर आयी है। बेटी की शादी का पंडाल आंधी-तूफान में उड़ जाने के गम में डाक्टर पिता की मौत हो गयी। शादी की खुशियों से जो परिवार चहक रहा था, वहां मौत का मातमी सन्नाटा पसर गया। मामला बिहार के भागलपुर के सन्हौला का है।
बेटी की शादी के डॉ शांति मंडल ने जबरदस्त तैयारी की थी। लाखों रूपये की लागत से शादी का पंडाल तैयार कराया था, लेकिन भागलपुर में अचानक मौसम बदला और आंधी-तूफान के बीच शादी का पंडाल पूरी तरह से उड़ गया। पंडाल तहस-नहस हो जाने के सदमे में पिता की मौत हो गई। बेटी की डोली से पहले पिता की अर्थी उठने की खबर से हर कोई गम में डूब गया।
जानकारी के मुताबिक ग्रामीण चिकित्सक डा. शांति मंडल (60 वर्ष) की पुत्री की शादी होने वाली थी। शादी के लिए सारी तैयारी पूरी कर ली गई थी। उन्होंने सबसे छोटी बेटी की शादी की तैयारी में कोई कसर नहीं छोड़ी थी।एक सप्ताह पूर्व से शादी के लिए पंडाल बनाया जा रहा था। पंडाल सज-धज कर लगभग पूरा हो चुका था। इसी बीच रविवार को शादी के एक दिन पूर्व कुदरत ने ऐसा कहर बरपाया कि सबकुछ चौपट हो गया। रविवार की रात्रि आई आंधी-तूफान ने आकर्षक पंडाल को तहस-तहस कर दिया।
आंधी के बाद देर रात्रि को ही डाक्टर साहब पंडाल का मुआयना करने निकले तो सारा पंडाल तहस-नहस देखकर वे बेहद मायूस हो गए थे। पंडाल देखकर घर लौटने पर स्वजन से उन्होंने कहा कि अब वे बच नहीं पाएंगे। पंडाल के साथ वे भी ऊपर चले जाएंगे। इतना कहने के बाद स्वजन को पांव व शरीर में तेल की मालिस करने को कहा। इतने में डा. मंडल की मौत हो गई।परिजनों ने आनन-फानन में परिजन उन्हें लेकर सन्हौला अस्पताल पहुंचे। जहां डाक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। उसके बाद पूरे परिवार में कोहराम मच गया।
डाक्टर की बेटी स्वीटी रानी के हाथ में रचाई गई मेंहदी एक तूफान में उजड़ गई। स्वीटी की बारात कहलगांव अनुमंडल के एकचारी से उसकी बारात आने वाली थी, लेकिन बेटी की डोली के बजाय उस घर से पिता की अर्थी उठ गई। घटना के बाद पूरा गांव गम में डूबा है।