रांची। झारखंड के प्लस टू स्कूलों में अब जनजातीय और क्षेत्रीय भाषाओं सहित अन्य शिक्षकों के पद सृजित होंगे। शिक्षकों के पदों के सृजन के लिए माध्यमिक शिक्षा निदेशक की अध्यक्षता में 6 सदस्यीय कमेटी गठित की है। रिपोर्ट के आधार पर नये पदों का सृजन होगा, वहीं अनावश्यक पदों को डाइंग कैडर घोषित किया

जायेगा।य़ 7 सितंबर को कमेटी की बैठक में प्लस टू स्कूलों में पदों के सृजन को लेकर अहम चर्चा होगी। पदों से संबंधित आंकड़ों के आधार पर शिक्षा विभाग प्रस्ताव तैयार करेगा और फिर उसे कैबिनेट में पेश किया जायेगा।
आपको बता दें कि प्रदेश में अभी 510 पल्स टू के स्कूलों का संचालन हो रहा है।

शिक्षा विभाग की तरफ से सभी क्षेत्रीय शिक्षा संयुक्त निदेशकों से अपने-अपने प्रमंडलों की रिपोर्ट लेकर आने को कहा गया है। क्षेत्रीय शिक्षा संयुक्त निदेशक प्रत्येक स्कूलों में छात्रों का आकलन कर नये विषय में शिक्षकों के पद सृजन और अप्रांसगिक विषयों में शिक्षकों के पदों को सरेंडर करने का प्रस्ताव देंगे।

जनजातीय भाषाओं के शिक्षक ना होने का मामला विधानसभा में भी उठ चुका है। इस मामले में राज्य सरकार ने कहा था कि जनजातीय शिक्षकों के पद का सृजन कमेटी के द्वारा किया जायेगा। कमेटी माध्यमिक स्तर की कक्षाओं में नामांकित व अध्ययनरत छात्रों के विषय के आधार पदों का आकलन तैयार करेगी। वहीं जिन पदों की जरूरत नहीं है, उन पदों को डाइंग कैडर घोषित किया जायेगा। आपको बता दें कि प्लस टू स्कूलों में 11 विषयों हिंदी, अंग्रेजी, संस्कृत, अर्थशास्त्र, जीव विज्ञान, गणित, फिजिक्स, कैमेस्ट्री, बायलाजी और कामर्स के शिक्षकों के पद हैं।

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